अक्षिता शुक्ला का चयन सिविल जज पद पर हुआ  –  ऑल इंडिया में छठी रेंक मिली

7:36 pm or February 19, 2023
महावीर अग्रवाल
मंदसौर  १९ फरवरी ;अभी तक;  जैसे ही नगर में सूचना मिली कि मंदसौर की कुमारी अक्षिता शुक्ला   का न्यायाधीश वर्ग दो पद के लिये सिलेक्शन होगया है । ख़ुशी और उत्साह की लहर दौड़ गई ।
                            प्राप्त जानकारी के मुताबिक अक्षिता का चयन लगभग 50 हजार से अधिक परीक्षार्थियों में हुआ और मेरिट में उच्चअंक प्राप्त कर प्रथम दस की सूची में छठा स्थान मिला है । अनारक्षित वर्ग के अलावा ओबीसी , एसटी एससी सहित कुल 270 का सीलेक्शन हुआ है ।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय , जबलपुर द्वारा जारी सूची में अक्षिता को प्रथम पन्द्रह की वरियता में छठा स्थान मिला
आपने 450 में से 293 अंक प्राप्त किये हैं ।
मंदसौर की सुश्री अक्षिता के किटियानी स्थित निवास पर रविवार को उत्सवी माहौल बनगया । परिवार जनों , मित्रों , जनप्रतिनिधियों के अलावा दूरदराज से बधाइयों का तांता लग गया ।
उल्लेखनीय है कि जगतपुरा क्षेत्र के शिक्षाविद स्व. श्री श्याममोहन शुक्ला की सुपौत्री एवं भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संजय शुक्ला की पुत्री अक्षिता की आरंभिक शिक्षा नगर के सेंट थॉमस हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई
अखिल भारतीय क्लेट ( CLAT ) परीक्षा 2013 में उत्तीर्ण होने पर प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी , रायपुर ( छत्तीसगढ़ ) में अध्ययन किया । लगातार मेहनत और निष्ठा से विधि विषयों में श्रेष्ठता प्रदर्शित की और उसका यह सुफल मिला ।
बीए एलएलबी ऑनर्स के साथ एलएलएम की पढ़ाई पूरी की ।
अक्षिता की माता श्रीमती मनीषा शुक्ला ने बताया बचपन से ही पढ़ाई की लगन रही और लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ती रही अक्षिता न्यायाधीश जैसे गरिमापूर्ण पद के दायित्व को गंभीरता से निर्वहन करेगी ।
स्टेट बैंक अधिकारी पिता श्री संजय शुक्ला कहते हैं चुनौती रही असफलता भी मिली पर लक्ष्य से हटी नहीं बिटिया और अंततः मेरिट के साथ सफलता प्राप्त की । वे कहते हैं अक्षिता के स्वर्गीय दादाजी का विश्वास था कि अवश्य ही अक्षिता जज बनेगी और यह उसने साकार कर दिखाया ।
जज के लिये चुनी गई अक्षिता के अनुज भ्राता आदित्य शुक्ला मंदसौर के सेंट थॉमस स्कूल से निकले और वर्तमान में डेनमार्क में भौतिकी साइंटिस्ट पीएचडी करते हुए सोलर एनर्जी कन्वर्जन एंड स्टोरेज पर कार्य कर रहे हैं ।
जब सिविल जज के लिये चयन हुआ तो सुश्री अक्षिता शुक्ला ने इसे परिवार और रायपुर के टीचिंग स्टॉफ और वहां के वातावरण को समर्पित किया ।
उनका कहना है कि कठिनाई आती हैं पर विचलित नहीं होना और अपने संकल्प को पुरा करना निश्चित संभव है । यह सिलेक्शन उसी का परिणाम है चार बार के प्रयास हुए मात्र एक अंक से चयन नहीं हुआ पर हिम्मत नहीं हारी माता पिता और भाई का बहुत सम्बल मिला ।
अक्षिता ने इस प्रतिनिधि से चर्चा में बताया कि हमेशा सच के साथ खड़ी रही और यही मुझे प्रेरणा देता रहा । ईमानदारी और सत्य निष्ठा से दायित्वों को निभाने का प्रयत्न करूंगी । वरिष्ठ जनों के मार्गदर्शन से आगे भी पथ प्रशस्त होगा ।