मयंक शर्मा
खंडवा २६ जनवरी ;अभी तक; जीएसटी का जांच दल के समक्ष भारत रक्षा अभियान के अभय जैन, डॉक्टर सुभाष बारोट, जनक पलटा, समेत इंदौर ओंकारेश्वर के कई नागरिकों ने अपनी बात रखते हुये सवाल उठाया कि क्या सरकार के लिए ओंकारेश्वर और अमरकंटक के पहाड़ पर प्रकृति संरक्षण के नियम अलग अलग हैं।
यह सवाल प्रकृति प्रेमियों और समाजसेवियों ने स्टेचू ऑफ़ वननेस की जांच के लिए ओंकारेश्वर पर आए दल के सामने किए। मध्यप्रदेश सरकार के स्टेच्यू ऑफ़ वननेस प्रोजेक्ट की जांच के लिए बुधवार को जिले में नम्र्र्रदा तट की ज्योंतिल्रिग तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर जीएसटी का एक जाच दल पहुंचा है। एनजीटी ने दल में पॉल्युशन बोर्ड, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, कल्चर डिपार्टमेंट, खंडवा कलेक्टर, पर्यावरणप्रेमी और समाजसेवियों को शामिल किया है।
श्री अभय जैन ने बताया कि पहाड कटाई को लेकर विवाद यह है कि एक साल पहले मध्यप्रदेश सरकार ने अमरकंटक के पहाड़ों पर कंस्ट्रक्शन रुकवाकर कहा था कि इस कंस्ट्रक्शन से प्रकृति को नुकसान हो सकता है। नर्मदा और उसके आसपास के पहाड़ों पर अब कोई निर्माण नहीं होगा। लेकिन प्रदेश सरकार अब ओंकारेश्वर के पहाड़ कटवा कर उस पर स्टेचू ऑफ़ वननेस प्रोजेक्ट ला रही है।
दल में एनजीटी, पॉल्युशन बोर्ड, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, कल्चर डिपार्टमेंट और खंडवा कलेक्टर को शामिल किया गया है। बुधवार को हुई जांच के दौरान पर्यावरण प्रेमी और समाजसेवियों ने अपने विचार रखे। वहीं, खंडवा कलेक्टर और अन्य अधिकारियों ने अपनी बातें रखी। इन सभी बातों के आधार पर अब एनजीटी का जांच दल कोर्ट में दस्तावेज पेश करेगा।