सुनील गौतम
दमोह 19 मार्च अभीतक
दमोह जिला पुलिस बल में आरक्षक से लेकर थाना प्रभारियो तक के फेरबदल को लेकर काफी समय से लोगों में उत्सुकता बनी हुई थी और यह उत्सुकता लगातार ही आजकल- आजकल के तहत बढ़ती जा रही थी। वहीं दूसरी ओर कुछ पुलिस अधिकारी कर्मचारी इस बात की प्रतीक्षा में थे कि आईजी का कब स्थानांतरण हो और वह अपनी मनमानी पदस्थापना करा ले। इसी क्रम में जैसे ही सागर जोन के आईजी अनुराग कुमार का स्थानांतरण हुआ तो कुछ पुलिस अधिकारी कर्मचारियों में तो जान में जान आई और उन्होंने उनके स्थानांतरण पर जश्न मनाया कि अब वह जिले में जैसा चाहेंगे वैसा करने के लिए स्वतंत्र रहेंगे।
लेकिन कुछ अधिकारियों में इस बात को लेकर भ्रम है कि अनुराग कुमार का आईजी जोन सागर से स्थानांतरण तो होना ही था क्योंकि वह इसके लिए बहुत पहले से स्वयं प्रयासरत थे। लेकिन वर्तमान में उन्हें जिस पद पर बैठाया गया है। वह बहुत ही महत्वपूर्ण पद है और उस पद पर बैठकर वह किसी भी अधिकारी, कर्मचारी की गतिविधियों से जुड़ी जानकारियों के कारण कार्यवाही करने में स्वयं सक्षम है। क्योंकि आईजी गुप्त वार्ता का पद पुलिस मुख्यालय से समूचे प्रदेश की पुलिस गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
शीघ्र जारी होगी सूची
विगत काफी समय से जिले के रिक्त पुलिस थाना एवं अनेक वर्षो से एक ही स्थान पर जमे हुए थाना प्रभारियों, अधिकारी, कर्मचारियों के स्थानांतरण शीघ्र ही किए जाएंगे। इसके अलावा भोपाल स्तर से भी डीएसपी, निरीक्षक और उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों की सूची भी शीघ्र ही जारी होने की संभावनाएं भी नजर आ रही हैं। जिसमें चुनावी वर्ष के चलते 1 जिले में 3 वर्ष से अधिक किसी भी पद पर कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण किए जा रहे हैं। इसकी सूची भी भोपाल मुख्यालय में लगभग बन चुकी है जिस कारण से भी जिले के अनेक पुलिस अधिकारी,कर्मचारी जिले से बाहर स्थानांतरित किए जाने की संभावना है।
हो सकता है कि पुलिस अधीक्षक भोपाल की सूची के बाद ही जिले स्तर में बाहर से आने वाले अधिकारियों के उपरांत ही फेरबदल करें या फिर वर्तमान में अति आवश्यक क्षेत्रों में ही फेरबदल करते हुए अप्रैल या मई माह में फेरबदल कर सकते हैं।
खास बन खास प्रभारी बनने के प्रयास
अभी तो वर्तमान में कुछ पुलिस अधिकारी, कर्मचारी पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपने आप को बहुत ही सक्रिय एवं सक्षम बताने का प्रयास करते हुए खास बनने का प्रयास कर रहे हैं और वह इसी आड़ में अपनी मनमानी पदस्थापना कराने के प्रयास में भी जुटे हुए हैं। यही कारण है कि इन खास बनने वाले अधिकारियों द्वारा कुछ अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य लोगों की झूठी व मनगढंत कहानियां गढ़ कर जिले के मुखिया को भ्रमित करने का भी प्रयास करने में जुटे हुए हैं। लेकिन पुलिस अधीक्षक भी एक वरिष्ठ एवं जिम्मेदार सहित गंभीर और अनेक जिलों में कार्य कर चुके पुलिस अधिकारी हैं। उन्हें इस प्रकार से गुमराह करने वालों की कथित गतिविधियों से वह स्वयं भाप कर नजर रख रहे हैं। अब देखना यह है कि इन सभी कार्य प्रणाली में इन अधिकारी कर्मचारियों का एवं जिले के मुखिया की क्या भूमिका रहती है।
Post your comments