सिद्धार्थ पाण्डेय
जबलपुर एक सितम्बर ;अभी तक; बरगी हिल्स के समीप प्रदेश सरकार द्वारा आईटी पार्क के लिए जमीन आवंटित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याकिचा दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से रिज्वांइडर पेष करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ के आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 9 सितंबर को निर्धारित की है।
नयागांव कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के चेयरमेन रजत भार्गव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि बरगी हिल्स का क्षेत्रफल लगभग सौ हैक्टेयर का है। बरगी हिल्स में तेंदुए सहित अन्य वन प्राणियों को देखा गया है, इसके अलावा बड़ी संख्या में पक्षी भी रहते है। मदन महल पहाड़ी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए लाखो रूपये व्यय किये गये थे और सैकड़ो की संख्या में परिवारों को विस्थापित किया गया था। बरगी हिल्स भी मदन महल पहाड़ी के पीछे का हिस्सा है। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने आईटी पार्क स्थापित करने के लिए बरगी हिल्स में जो जमीन आवंटित की है, वह पर्यावरण के दृष्टि से सही नहीं है। आईटी पार्क निर्माण के लिए ब्लास्ट कर पहाड़ी को समतल किया जा रहा है।
याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने सरकार को हलफनामे में जवाब पेष करने के निर्देष दिये थे। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेष किया गया। जिसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से रिज्वांइडर पेष करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया। जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेष जारी किये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की।
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