सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर १० फरवरी ;अभी तक; सूचना के अधिकार के तहत दी गयी दस्तावेज में ओव्हर राईटिंग कर थाने के सील लगाये जाने के खिलाफ जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था। परिवाद में मांग की गयी थी कि दोषी व्यक्ति के खिलाफ जालसाजी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया जाये। जिला न्यायालय ने संबंधित थाने के प्रभारी को मूल रोजनामचा पेष करने तथा लेख करने वाले व्यक्ति का नाम बताने के संबंध में निर्देष जारी किये है।
ग्वारीघाट रोड निवासी अजीत सिंह आनंद की तरफ से दायर परिवाद में कहा गया था कि थाना गोहलपुर में स्वंय से संबंधित रोजनामचे की जानकारी सूचना का अधिकार के तहत मांगी थी। जिसका निर्धारित षुल्क भी उसके द्वारा अदा किया गया था। आरटीआई के तहत उसे कम्प्यूटराईज काॅपी दी गयी। कम्प्यूटराईज काॅपी में मैनुअल काट-छांट करते हुए समय में बदलाव किया गया है। आरटीआई के काॅपी में थाने की सील लगाकर हस्ताक्षर भी किये गये है।
दस्तावेज में छेडछाड करना अपराधिक कृत्य है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से षिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। परिवाद में दोषी व्यक्ति के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की राहत चाही गयी थी। परिवाद की सुनवाई करते हुए जेएमएफसी विष्वेष्री मिश्रा ने उक्त आदेष जारी किये। परिवादी की तरफ से अधिवक्ता विजय तिवारी ने पैरवी की।