महावीर अग्रवाल
मंदसौर १९ अक्टूबर ;अभी तक; उज्जैन को पवित्र नगरी बनाने के लिए अतुल मलिकराम लगातार नई कोशिशों में लगे हुए हैं। हाल ही में धार्मिक नगरी उज्जैन में मदिरा के सेवन से 14 निर्धन लोग मौत के घाट उतर गए। उक्त विषय पर अतुल मलिकराम ने रोश जाहिर करते हुए कहा है कि लम्बे समय से चलाई जा रही मुहीम पर प्रशासन की ओर से आज तक कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया गया है।जिसका सबब आज पूरा देश देख रहा है। यदि नगरी में मांस मदिरा वर्जित करने का कदम सरकार पहले ही उठा लेती, तो आज 14 लोगों की जान नहीं जाती। शहर में बिक रही मांस मदिरा से यदि आने वाले समय में यदि ऐसी ही जानें जाती रहीं, तो इसके जिम्मेदार स्वयं मुख्यमंत्री रहेंगे।
धार्मिक नगरी में मांस मदिरा की दुकानें होना न सिर्फ भक्तों के दिल को ठेस पहुंचाने का कार्य करती हैं, बल्कि यह मांस मदिरा सेवन करने वाले की सेहत के लिए भी हानिकारक होती है। भारत में उज्जैन को पवित्र नगरी के नाम से सम्बोधित तो किया गया है, लेकिन वहाँ सात्विक आचरण तथा पवित्रता की कमी हर पल छलकती है। मंदिरों के आसपास ही बिक रही मांस मदिरा भक्तों के मन को भारी मात्रा में ठेस पहुँचाती है।
हम उज्जैन नगरी की पवित्रता को कागजी सम्बोधन से परे आदर्श पवित्र नगरी बनाने की पहल कर रहै है, जिसमें महाकाल नगरी में मांस मदिरा पूर्णतः वर्जित हो यह हमारी कामना है। यदि आप भी इस नगरी की पवित्रता को पुनःजीवित करना चाहते हैं, तो अपनी आवाज को आगे बढ़ाए।
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