महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ३ फरवरी ;अभी तक; कत्थक नृत्यांगना सुश्री सृष्टि जुन्नरकर ने कत्थक नृत्य की बारीकियां और विशेषताओं से विद्यार्थियों को अवगत किया। हर पैर में सौ घुँघरू बांधकर पद संचलन, चक्कर, हस्त संचलन, ग्रीवा संचलन एवं आँखों के संचलन द्वारा नृत्य के भावों को बताया जाता है । इसमें होंठो का संचलन नहीं किया जाता है जैसा कि पार्श्व गायन के साथ बॉलीवुड नृत्य में किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि कत्थक सिर्फ लड़कियों का नृत्य नहीं है उनके गुरू जय किशन जी महाराज एवं उनके पिता दादा गुरू बिरजू महाराजजी ने पुरुष होने के वाबजूद कत्थक में अपनी धाक जमाई। वे शासकीय उमावि धमनार मे विद्यार्थियों के सामने अपनी प्रस्तुति दे रही थी। कलाकार का परिचय छात्रा भावना समरथ धाकड़ एवं भावना राजीव धाकड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन श्री मुकेश सोनी एवं आभार प्राचार्य श्री राजेश शर्मा ने ज्ञापित किया।

सुश्री सृष्टि जुन्नरकर ने गुरुवन्दना और नृत्य प्रस्तुति के साथ करीब आठ छात्र छात्राओं को कत्थक के गुर भी सिखाए। प्राचार्य श्री सुभाष जोशी ने इस अभिनव कार्यक्रम के लिए स्पिक मैके की परामर्शदाता चन्दा डांगी व जिले के कॉर्डिनेटर अजय डांगी का आभार प्रकट किया ।
जिला कॉर्डिनेटर अजय डांगी ने बताया कि आज 4 फरवरी को स्पिक मैके द्वारा आयोजित कत्थक कार्यशालाओं का समापन होगा। दोनों कार्यक्रम सुबह 11बजे व दोपहर 2 बजे सी एम राइज साबा खेड़ा मे होंगे। आपने स्पिक मैके की कार्यशालाओं को जिले के विभिन्न स्कूलो द्वारा मिले प्रोत्साहन से संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इन कार्यशालाओं से जिले के स्कूली बच्चों में सांस्कृतिक परिवर्तन लाने मे मदद मिलेगी, इसके लिए स्पिक मैके कटिबद्ध है ।