आनंद ताम्रकार
बालाघाट ४ मार्च ;अभी तक; प्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान से कस्टम मिलिंग कर चावल बनाये जाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। अब कस्टम मिलिंग करने वाले अनुबंधित राईस मिलर्स द्वारा की गई मिंलिग कर सत्यापन अब विद्युत की खपत के आधार जांच कर किया जायेगा।
इस आशय के निदेश श्री तरुण कुमार पिथोड़े प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम द्वारा जिला प्रबध्ंकों को जारी किये गये है। प्रबंध संचालक के पत्र क्रमांक 1708 दिनांक 3 मार्च 2023 में मध्य प्रदेश शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण पत्र दिनांक 16/11/2022 के संदर्भ देते हुए स्पष्ट किया गया है की प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में उपार्जित धान की मिलिंग का कार्य प्रचलन में है जिसके अंतर्गत जिले के मिलर्स एवं अन्य जिलों के मिलर्स से अंतर जिला मिंलिग का कार्य किया जा रहा है।
उक्त संबंध में यह उल्लेख किया गया है की मिलर्स द्वारा की गई धान की मिलिंग उनकी मिल हुई विद्युत खपत अनुरूप हो इस संबंध में जिले की राईस मिलों द्वारा की गई मिंलिग की तुलना में मिलों की विद्युत खपत का मिलान नियमित रूप से किया जाये एवं यदि किसी मिल में मिलिंग के अनुरूप विद्युत खपत कम पाई जाती है तो ऐसे मिलर्स द्वारा मिंलिग नीति/मिंलिग अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जाये।
पत्र में यह भी निर्देशित किया गया है की उक्तानुसार कार्यवाही नियमित रूप से सुनिश्चित की जाये एवं प्रत्येक सोमवार को अनुपालन रिपोर्ट भेजी जाये।
प्रबंधक संचालक के द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में नागरिक आपूर्ति निगम बालाघाट के जिला प्रबंधक श्री पियूष माली ने मुख्यालय के प्राप्त पत्र का उल्लेख करते हुये बालाघाट जिले में अनुबंधित समस्त राईस मिलर्स को ततसंबंध में पत्र प्रेषित किया है।
जिला प्रबंधक द्वारा जारी पत्र क्रमांक 1970 दिनांक 3 मार्च 2023 में यह उल्लेख किया गया है की जिले में 2022-23 की धान मिलिग में राईस मिलों से विद्युत खपत की जानकारी मांगी गई है। समस्त राईस मिलर्स को निर्देशित किया जाता है की शासन की कस्टम मिंलिग का कार्य 1 दिसंबर 2022 से प्रारंभ हो चुका है अत समस्त मिलर्स 1 दिसंबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक बिजली के बिल आगामी 1 सप्ताह में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें तथा आगामी जो मिल में धान की कस्टम मिंलिग की जा रही है उसके विद्युत खपत की जानकारी आईवीआरएस नंबर के साथ इस कार्यालय में प्रत्येक सोमवार को नियमित रूप से जिला कार्यालय के ईमेल पते एवं इंफॉर्मेशन वाट्सएप ग्रुप में अनिवार्य रूप से देंगे। पत्र में यह भी उल्लेख है की जिस मिलर्स की जानकारी समय पर प्राप्त नही होगी ऐसे मिलर्स को आगामी चावल जमा हेतु डिपाजिट ऑर्डर जारी नही किये जायेगे तथा ऐसे विरूद्ध के विरूद्ध अनुबंध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
यह उल्लेखनीय है की प्रबंध संचालक के इस पत्र के जारी होने से राईस मिलर्स में हड़कंप मच गई है क्योंकि अनुबंधित राईस मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग के लिये जो धान डीओ जारी किये जा रहे है डिओ में जारी धान की मात्रा खुले बाजार में बेचा जा रहा है तथा इसके एवज में बाहर का चांवल में लाकर जमा कराया जा रहा है। जमा कराया जाने वाला चावल अमानक स्तर का है लेकिन निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों की सांठगांठ से चावल लिया जा रहा है।
राईस मिलर्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्टम मिंलिग का कार्य प्रारंभ होने से अब तक की अवधि में जितनी धान की मात्रा राईस मिलर्स को जारी हुई है लगभग 80प्रतिशत धान खुले बाजार में बेच दी गई है।
कस्टम मिलिंग में अब विद्युत बिल की खपत से मिंलिग का सत्यापन किये जाने के प्रबंध संचालक के निर्देश से इस गोरखधंधे पर अंकुश लगेगा।