महावीर अग्रवाल
मंदसौर १७ नवंबर ;ाअभी तक; माॅ मर्हिषासुर मर्दिनी की पावन नगरी शामगढ के साथ ही आसपास के क्षेत्रो में खाती समाज द्वारा लंबे समय से पारंपरिक रूप से छोडफाड का आयोजन दीपावली के पावन पर्व पर किया जाता रहा है। इस धार्मिक परंपरा द्वारा गौमाता द्वारा पापियो के विनाश के साथ ही अपना वात्सल्य भी प्रकट करने का माध्यम है, इस परंपरा को लेकर के समाचार चेनल और समाचार पत्रो में जारी कांग्रेस नेता के बयान से कांग्रेस विचारधारा व संगठन का कोई लेना देना नही है, कांग्रेस सदैव धार्मिक परंपराओ का सम्मान के करने के साथ ही सभी धर्मो, पंथो एवं जातियो की परंपराओं में सहभागीता करती रही है।
यह बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक श्री नवकृष्ण पाटील ने कही, उन्होनें खाती समाज द्वारा शामगढ एवं उसके आसपास छोडफाड के आयोजन के संदर्भ में कहा कि भारतवर्ष विभिन्न पंथो, वर्गो एवं जातिया निवास करती है जो अलग-अलग रिति रिवाज एवं पंरपराओ का सदैव पालन करती रही है। दक्षिण भारत में गौमाता के अलावा पशुओ के संबंधित अनेक धार्मिक परंपराये एवं रीति रिवाज जिसका भी कांग्रेस सम्मान करती रही है।
श्री पाटील ने कहा कि दीपावली पर खाती समाज द्वारा छोडफाड के आयोजन पशु क्रूरता से सीधे रूप से संबंधित नही है, ऐसे में कांग्रेस विचारधारा से जुडे किसी व्यक्ति या नेता द्वारा धार्मिक परंपरा को समझे बिना दिया गया बयान सिर्फ व्यक्तिगत पक्ष को उजागर करता है न की कांग्रेस संगठन एवं विचारधारा को। कांग्रेस खाती समाज सहित अन्य जातियो द्वारा आयोजित धार्मिक परंपराओं का सम्मान करती है।
Post your comments