मंडला संवाददाता
मंडला ३० अप्रैल ;अभी तक; मनुष्य और वन्य प्राणियों के बीच के द्वंद को रोकना जरूरी है। साथ ही यह भी जरूरी है कि वर्तमान समय में जो पौधरोपण किए जा रहे हैं वह सिर्फ व्यावसायिक जंगलों के विकास को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं। जबकि यह जरूरी है कि 100 प्रतिशत पौधरोपण में 50 प्रतिशत व्यावसायिक जंगलों के विकास के लिए और 50 प्रतिशत वनोपज के जंगलों को विकसित करने के लिए हो, तभी जैव विविधता बरकरार रह पाएगी। कान्हा टाइगर रिजर्व में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वन्य प्राणी कांफ्रेंस के समापन के अवसर पर वन मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, डॉ कुंवर विजय शाह अपनी बात रखी और उनकी इस बात को कॉन्फ्रेंस में उपस्थित सभी सहभागी देशों के प्रतिनिधियों ने समर्थन दिया।


