महेश चांडक
छिंदवाड़ा ३ फरवरी ;अभी तक; छिंदवाड़ा जिले का पातालकोट ने विश्व मैं अपनी अलग पहचान बनाये हुए है पातालकोट स्थल प्रकृति का अदभुत चमत्कार है वही इसके संरक्षण और पर्यटक स्थल बनाने के लिए शासन द्वारा बहुत से अनेक कार्य किये जा रहे है पातालकोट स्थल प्रकृति का अदभुत चमत्कार है छिंदवाड़ा नगर से 69 किलोमीटर की दूरी पर विकास खंड तामिया मैं पातालकोट स्थित है प्राकृतिक दृश्यावली के कारण यह बहुत मनमोहक है पाताल से अर्थ इसका एक गहराई मैं बसा होना है इसके मुहाने पर ऊपर बैठकर जब निचे झाँका जाता है तो इसका आकर एक घोड़े की नाल जैसा नजर आता है ऐसी जनश्रुति है की यह पाताल लोक जाने का दरवाजा है समुद्र तल से 2750 से 3250 फिट की ऊंचाई पर बसा पातालकोट 79 किलोमीटर क्षेत्र मैं फैला हुआ है इसमें 12 गाँवों मैं पुरानी सभ्यता शैली के अनुसार निवास कर रहे है
वही छिंदवाड़ा का पातालकोट अब विश्व पटल पर पहचाना जायेगा। विश्व की गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्था ने पातालकोट को अपनी बुक मैं अनोखा स्थान दिया है जो छिंदवाड़ा जिले के गर्व की बात है
जुन्नादेव एसडीएम मधुवंत राव धुर्वे ने बताया की विगत दिन स्विट्जरलैंड से गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्था के हेड विल्हेम जेजलर एवं उनकी टीम तामिया पहुंची थी जिसमे उन्होंने अपनी संस्था का प्रमाण पत्र प्रदान किया है। भारत सरकार ने पातालकोट को एडवेंचर प्लेस ऑफ़ गोंडवाना जे नाम पर पहचान दी है