महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १६ फरवरी ;अभी तक; ‘‘शिक्षक जब कर्त्तव्य को पहचानकर विद्यार्थियों को अपना श्रेष्ठतम देता है तब हमारा भविष्य गगन सी ऊँचाईयों को प्राप्त करता है’’ – श्री ऋषि कुमार त्रिपाठी, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल
उक्त विचार डाइट मंदसौर में दो दिवसीय राज्य स्तरीय साहित्यिक प्रतियोगिताओं के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि श्रीमान ऋषि कुमार त्रिपाठी ने व्यक्त किए। आपने अपने उद्बोधन में प्रदेश के समस्त जिलों से पधारे प्रतिभागियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि हमें अध्ययनशील और चिंतनशील बनना होगा। वर्तमान डिजिटल युग में आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा देने हेतु वर्तमान पीढ़ी को सतर्क, सावधान और क्रियाशील बनना ही होगा। मंदसौर डाइट अपने आप में प्रदेश के लिए एक आदर्श है। अन्य जिलों को भी यहाँ से सीखना चाहिए।
विशेष अतिथि डॉ. पुरालाल पाटीदार, प्राचार्य कन्या महाविद्यालय मंदसौर ने कहा कि 21वीं सदी का युग युवा शक्ति को विश्व पटल पर अपनी क्षमता को साबित करने का अवसर प्रदान करता है। आज आवश्यकता है हमारी युवा शक्ति इन संसाधनों का उपयोग कब, कहां और किस रूप में करें, इसका चयन श्रेष्ठ हो। डाइट मंदसौर के पाँचों व्याख्याता पंच परमेश्वर के रूप में अपना सर्वोत्तम देते है। इसका प्रमाण यहां की हर दीवार और हर एक कोना खुद-ब-खुद बयां कर रहा है।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुदीप दास ने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि भारत का भविष्य हमारी शिक्षण संस्थाओं की कक्षाओं से होकर निकलता है। डाइट की हर कक्षा के साथ-साथ हर दीवार पर लिखा संदेश प्रत्येक विद्यार्थी को आत्मसात् करना चाहिए। आने वाली पीढ़ियाँ डिजिटल युग की स्मार्ट पौध है। इनको ज्ञान देने के लिए हमें भी निरंतर अध्ययनशील होकर अपडेट रहना ही होगा।
जिला परियोजना अधिकारी श्री लोकेन्द्र डाबी ने सभी आंगतुक अतिथियों का भावनात्मक स्वागत करते हुए अपनी-अपनी श्रेष्ठता का आव्हान करते हुए कहा कि हर अच्छी बात को अपने विद्यार्थियों तक पहुँचाएं तभी इन आयोजनों की सार्थकता होगी।
संस्थान के प्राचार्य श्री प्रमोद सेठिया ने डाइट का परिचय देते हुए कैसे अपने कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हुए सफलता के सौपान प्राप्त किए जाते हैं उसके लिए अपने कर्म क्षेत्र को सहजता से जीना होता है, जिसने यह सीख लिया, मानो वह जीत गया। तब कहा जा सकता है जीत आपकी। संस्थान के व्याख्याता श्री दिलीप सिंह राठौड़ ने दो दिवसीय कार्यक्रम की सम्पूर्ण रूपरेखा से अवगत कराया। वरिष्ठ व्याख्याता श्री प्रदीप पंजाबी ने भगवान पशुपतिनाथ की दशपुर धरा पर सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अतिथि परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। छात्राध्यापिका कुमारी विशाखा एवं सपना ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
संस्थान प्राचार्य ने अतिथियों का श्रीफल एवं मोतीमाला से स्वागत किया। तत्पश्चात् छात्राध्यापिकाओं ने स्वागत नृत्य म्हारा मंदसौर में थाकों अभिनन्दन है………. से स्वागत, वंदन, अभिनंदन किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. अलका अग्रवाल ने किया और व्याख्याता आर.डी. जोशी ने आभार प्रकट किया।
तत्पश्चात् सहभोज का आयोजन हुआ। तथा दोपहर 02.00 बजे से कहानी वाचन एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें प्रदेशभर से आए प्रतिभागियों ने पूरी सहभागिता दर्ज की। विभिन्न डाइट से पधारे फैकल्टी सदस्यों ने मंदसौर डाइट की व्यवस्था और प्रस्तुतियों की सराहना की। इस प्रकार आज के प्रथम दिवस के कार्यक्रम के समापन के पश्चात् सभी अतिथियों को भगवान पशुपतिनाथ और मंदसौर नगर का भ्रमण करवाया गया।
विशेष अतिथि डॉ. पुरालाल पाटीदार, प्राचार्य कन्या महाविद्यालय मंदसौर ने कहा कि 21वीं सदी का युग युवा शक्ति को विश्व पटल पर अपनी क्षमता को साबित करने का अवसर प्रदान करता है। आज आवश्यकता है हमारी युवा शक्ति इन संसाधनों का उपयोग कब, कहां और किस रूप में करें, इसका चयन श्रेष्ठ हो। डाइट मंदसौर के पाँचों व्याख्याता पंच परमेश्वर के रूप में अपना सर्वोत्तम देते है। इसका प्रमाण यहां की हर दीवार और हर एक कोना खुद-ब-खुद बयां कर रहा है।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुदीप दास ने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि भारत का भविष्य हमारी शिक्षण संस्थाओं की कक्षाओं से होकर निकलता है। डाइट की हर कक्षा के साथ-साथ हर दीवार पर लिखा संदेश प्रत्येक विद्यार्थी को आत्मसात् करना चाहिए। आने वाली पीढ़ियाँ डिजिटल युग की स्मार्ट पौध है। इनको ज्ञान देने के लिए हमें भी निरंतर अध्ययनशील होकर अपडेट रहना ही होगा।
जिला परियोजना अधिकारी श्री लोकेन्द्र डाबी ने सभी आंगतुक अतिथियों का भावनात्मक स्वागत करते हुए अपनी-अपनी श्रेष्ठता का आव्हान करते हुए कहा कि हर अच्छी बात को अपने विद्यार्थियों तक पहुँचाएं तभी इन आयोजनों की सार्थकता होगी।
संस्थान के प्राचार्य श्री प्रमोद सेठिया ने डाइट का परिचय देते हुए कैसे अपने कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हुए सफलता के सौपान प्राप्त किए जाते हैं उसके लिए अपने कर्म क्षेत्र को सहजता से जीना होता है, जिसने यह सीख लिया, मानो वह जीत गया। तब कहा जा सकता है जीत आपकी। संस्थान के व्याख्याता श्री दिलीप सिंह राठौड़ ने दो दिवसीय कार्यक्रम की सम्पूर्ण रूपरेखा से अवगत कराया। वरिष्ठ व्याख्याता श्री प्रदीप पंजाबी ने भगवान पशुपतिनाथ की दशपुर धरा पर सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अतिथि परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। छात्राध्यापिका कुमारी विशाखा एवं सपना ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
संस्थान प्राचार्य ने अतिथियों का श्रीफल एवं मोतीमाला से स्वागत किया। तत्पश्चात् छात्राध्यापिकाओं ने स्वागत नृत्य म्हारा मंदसौर में थाकों अभिनन्दन है………. से स्वागत, वंदन, अभिनंदन किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. अलका अग्रवाल ने किया और व्याख्याता आर.डी. जोशी ने आभार प्रकट किया।
तत्पश्चात् सहभोज का आयोजन हुआ। तथा दोपहर 02.00 बजे से कहानी वाचन एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें प्रदेशभर से आए प्रतिभागियों ने पूरी सहभागिता दर्ज की। विभिन्न डाइट से पधारे फैकल्टी सदस्यों ने मंदसौर डाइट की व्यवस्था और प्रस्तुतियों की सराहना की। इस प्रकार आज के प्रथम दिवस के कार्यक्रम के समापन के पश्चात् सभी अतिथियों को भगवान पशुपतिनाथ और मंदसौर नगर का भ्रमण करवाया गया।