भिण्ड से डॉ. रवि शर्मा
भिंड २९ अगस्त ;अभी तक; नदियों को बचाने के लिए लहार विधायक डॉ. गोविन्द सिंह की अगुवाई में 05 से 11 सितंबर तक सत्याग्रह पदयात्रा आंदोलन होने जा रहा है। इस आंदोलन में न केवल बडी राजनीतिक हस्तियां शामिल होगी, बल्कि सोशल वर्कर भी शरीक होंगे, लेकिन उक्त आंदोलन को लेकर लोगों के जहन में सवाल उमड रहे हैं कि आखिर पिछले 30 साल में अवैध खनन के खिलाफ स्वयं डॉ. गोविंद सिंह द्वारा सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि वह तीन दशक में तीन बार कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे।
बताना मुनासिब है कि डॉ. गोविन्द सिंह 1990 में पहली बार विधायक चुने गए थे। तब से लेकर अभीतक वह लगातार सातवीं बार विधायक है। इस बीच वह दिग्विजय सिंह सरकार में वर्ष 1998 में गृहराज्य मंत्री तथा वर्ष 2000 में सहकारिता मंत्री रहे। इस दौरान उनके ही विधानसभा क्षेत्र लहार में सिंध नदी की विभिन्न खदानों से सर्वाधिक रेत खनन होता रहा। तीन बार मंत्री और सात बार विधायक रहते खनन के खिलाफ तभी जुबान खोली जब विपक्ष में आए। वर्ष 2018 में कमलनाथ सरकार में उन्हें पुन: सहकारिता मंत्री बनाया गया। इस दौरान तो उन्होंने अवैध खनन नहीं रोक पाने में अक्षमता जाहिर करते हुए जनता से माफी तक मांग ली थी। डॉ. गोविन्द सिंह ने सत्ता में रहते आंखों के सामने जिले की नदियां छलनी होती रहीं।
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