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महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २४ जुलाई ; अभी तक; राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मंदसौर की अंग्रेज़ी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ वीणा सिंह ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन और शिक्षा संस्कृति न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 23,24 जुलाई 2022 को विक्रम कीर्ति मंदिर उज्जैन में शिक्षा में स्वायतता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: चुनौतियां एवम् समाधान विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में शोध पत्र वाचन किया।
डॉ सिंह के शोध पत्र का विषय इंडियन ट्रेडिशनल नॉलेज : ए मैसेज फॉर स्किल बेस्ड फ्यूचर था। इस विषय पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने भारतीय पारंपरिक ज्ञान व्यवस्था में कौशल विकास पर किस प्रकार जोर दिया गया था, आत्मनिर्भर भारत की नई संकल्पना कि नींव हमारे प्राचीन ग्रंथों में रखी गई थी। हमारे प्राचीन ग्रंथ स्वायतता की बात कितने पुरजोर तरीके से करते हैं। यदि हम आयुर्वेद, धनुर्वेद, गंधर्व वेद, न्याय, मीमांसा, पुराण, वेदांग आदि का अध्ययन करते हैं तो हम सहज ही समझ पाते हैं कि प्राचीन भारत की शिक्षा पद्धति किस प्रकार कौशल विकास पर अपना ध्यान केंद्रित रखती थी। हमारी कृषि, धातु विज्ञान, वस्त्र विज्ञान, मधुबनी एवम् अन्य प्रकारों की पेंटिंग्स, औषधि विज्ञान सभी कौशल उन्नत थे। आत्मनिर्भर भारत की आधुनिक अवधारणा का आधार हमारे यही प्राचीन ग्रंथ हैं।
यदि इस परिकल्पना को साकार करना है तो अपने प्राचीन ज्ञान का महत्व समझना होगा। यदि आज रोजगार मूलक पाठ्यक्रमों का विकास करना है तो इस ज्ञान का सार समाहित करना होगा।
इस अवसर पर कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय श्री अखिलेश पांडेय, अतिरिक्त संचालक उज्जैन संभाग डॉ अर्पण भारद्वाज, अम्बेडकर पीठ के कुलपति श्री दिनेश शर्मा जी एवम् अनेक प्राध्यापक गण एवम् शोधार्थी उपस्थित रहे।