सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर १० नवंबर ;अभी तक; षहर में बने रहे फलाई ओव्हर की चैडाई कम किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया है कि चैडाई कम नहीं किये जाने के कारण दो सौ परिवार विस्थापित होगे। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव तथा जस्टिस व्ही के षुक्ला को सरकार की तरफ से बताया गया कि तकनीकि व प्रषासनिक स्वीकृति मिलने के बाद फलाई ओव्हर बनाया जा रहा है। युगलपीठ ने याचिका में तथ्यात्मक दस्तावेज पेष नहीं किये जाने के कारण खारिज कर दी।
याचिकाकर्ता एम एम षिकरगाह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि दमोह नाका से मदन महल तक बनने वाले फलाई ओव्हर के निर्माण कार्य से लिए टेण्डर जारी कर दिया गया है। संबंधित कंपनी ने निर्माण की आवष्यक कार्यवाही षुरू कर दी गयी है। फलाई ओव्हर का निर्माण जिस क्षेत्र में बिना किया जा रहा है वह षहर का पुराना इलाका है और घनी आबादी वाले क्षेत्र है।
याचिका में मांग की गयी थी कि ओव्हर ब्रिज के दोनों साईड की चैडाई सात-सात फुट कम की जाये। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि मुम्बई,पूने आदि महानगरों में कम चैडाई के बनाने गये फलाई ओव्हर उपयोगी रहें है। याचिका में कहा गया था कि ब्रिज की चैडाई कम नहीं की गयी तो सैकडो की संख्या में लोग बेघर तथा बेरोजगार होगे।
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि सर्वेक्षण व जांच के बाद फलाई ओव्हर निर्माण को प्रषासनिक व तकनीकि स्वीकृति मिली है। फलाई ओव्हर निर्माण के लिए निजी जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। युगलपीठ द्वारा फैसले में उक्त आदेष के साथ याचिका को खारिज कर दिया।
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