दिग्विजयसिंहजी की पारखी नजर आगामी विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार को ढूढने पर लगी हो इसके कयास जरूर लगे

4:37 pm or March 6, 2023
 ( महावीर अग्रवाल )
मन्दसौर ६ मार्च ;अभीतक;  दिग्विजयसिंहजी आज नीमच जो कि यहां से कोई 50 किमी दूर है वहां एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए हवाई जहाज से मन्दसौर आए और यहां से सड़क मार्ग से नीमच गए। यहां हवाई पट्टी पर कांग्रेस जनों ने उनका स्वागत किया। हालांकि नीमच में भी हवाई पट्टी है और वह मन्दसौर से पुरानी बनी हुई है और उस पर सीआरपीएफ के कार्यक्रमो में भाग लेने के लिए कई केंद्रीय मंत्री और सीआरपीएफ के बड़े अधिकारी हवाई जहाज से आते रहे है इसके अलावा और भी कई नेता और मुख्यमंत्री के हवाई जहाज भी उस पर उतरते रहे है लेकिन अभी वह किस स्थिति में है या उनकी राजनीतिक पैनी नजर यहां की स्थिति को विधानसभा चुनाव के पूर्व देखने के लिए वे मन्दसौर हवाई पट्टी पर उतरे है और यही से वे शाम को हवाई जहाज से वापस जाएंगे।
                                  दिग्विजयसिंह जी जब मुख्यमंत्री थे तब और इसके पूर्व जब वे सिंचाई मंत्री थे और जब वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर थे तब से लेकर अब तक प्रदेश में सेठी -शुक्ल गुट के बाद उनका यानी अर्जुनसिंह जी और उनका गुट मजबूत हुआ और तब से लेकर कांग्रेस का यहां कोई नया गुट टक्कर में नही आया। पिछले विधानसभा चुनाव में भी उनके समर्थक कांग्रेस के उम्मीदवारों को कांग्रेस ने टिकिट दिया था लेकिन वे चुनाव हार गए।
                                         दिग्विजयसिंह जी की निगाहे शायद इस बहाने भी मन्दसौर को लेकर हो सकती है कि यदि उनके समर्थकों को आगामी विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस से टिकिट दिलवा देगे तो क्या वे सफल हो सकेंगे। कांग्रेस संगठन की स्थिति को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की चिंता भी सामने आ चुकी है । पिछले चुनाव के पूर्व मन्दसौर का किसान आंदोलन देश भर में चर्चित रहा लेकिन उस स्थिति में भी कांग्रेस नीमच मन्दसौर जिले से ही नही मध्यभारत से बुरी तरह चुनाव हारी लेकिन तब से लेकर हालात में सुधार के दर्शन कांग्रेस को अभी हाल ही हुए नगर पालिका चुनाव में भी देखने को नही मिले बल्कि बुरी हार को जरूर देखने को मिला। कांग्रेस के अपने को दिग्गज कहे जाने वाले नेता जिनकी भी कार्यकर्ताओं से पकड़ कहो या मतदाताओं में उनकी लोकप्रियता का ग्राफ नीचे चले जाने का माना जाए जो मुह धोकर बैठे है टिकिट के लिए या यूं कहें कि सत्ता के लिए आतुर है वे लेकिन क्या उनको मतदाता स्वीकार करने को तैयार है या उनकी चकाचौंध पर उनको घमंड है यह तो समय पर ही पता चलेगा या कांग्रेस की आंतरिक सर्वे रिपोर्ट ही इस पर पर्दा उठा सकती है।
                                    कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता यदि दबी जुबान से यह कहते है कि इतने वर्षों तक सत्ता से बाहर रहने के कारण कई तो साठगांठ में उलझे है और नगर पालिका का हाल ही हुआ चुनाव उदाहरण है । निष्ठावान कार्यकर्ता यदि समीक्षा में कांग्रेस के साठगांठ वाले नेता को लेकर कुछ दबी जुबान से कुछ कहता है तो यह वास्तविकता तो कांग्रेस के उन दिग्गज नेताओं तक जानकारी तो होना चाहिए जो टिकट बाटने में कही अपनी भूमिका निभाते है। मन्दसौर में सुविधा भोगी कांग्रेस कही फिर टिकिट में फिर बाजी मार गए तो फिर मतदाताओं के निर्णय के निर्णय का ही इंतजार करना होगा। निष्ठावान कार्यकर्ताओं का तो यह भी कहना है कि किस नेता ने मौका मिलने पर कितने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट कर के रखा जरा यह भी तो देखना चाहिए कांग्रेस हाईकमान को । अब कांग्रेस के प्रति जो भी थोड़ी बहुत अपनत्व भरी निगाहों से देखते है उनकी सोच यदि नीमच मन्दसौर संसदीय क्षेत्र की सभी विधान सभा सीटो पर नए उम्मीदवारों पर उम्मीद लगाए बैठी है तो क्या गलत है। इस संसदीय सीट की सभी 8 सीटों पर परम्परागत मत भी कुछ मायने रखते है लेकिन इन पर चेहरे थोपे गए तो नतीजों का इंतजार तो परिणामों से ही पता चल सकेगा।हा यह बात भी बहुत ही महत्वपूर्ण है कि आजादी के 70 वर्षो बाद यदि नए चेहरे भी उम्मीद रखते है तो क्या गलत है।
                                  श्री दिग्विजयसिंह जी विधानसभा चुनाव पूर्व हवाई जहाज से इस प्रकार मंदसौर में कुछ समय रुकने का भी रखा गया है तो इसके राजनीतिक अनुमान लगाए जाने को लेकर क्या गलत है। वे कांग्रेस पार्टी के एक दिग्गज नेता है और उनके अपने समर्थक भी है। कुछ समर्थक को लेकर तो यह चर्चा भी है कि उनकी तो तैयारी भी चल रही है लेकिन यह कार्यकर्ता या कांग्रेस हाईकमान ही जाने लेकिन हां कांग्रेस का युवा वर्ग भी उम्मीदवारी को लेकर मुह धोए बैठा है तो क्या गलत है। दिग्विजयसिंह जी की पारखी नजर यदि एक निगाह में परख कर इस एक दिवसीय कुछ समय के स्टे में निकल गई तो फिर वह तो टिकिट वितरण के समय ही पता चलेगा। हा कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों के चयन में उनकी महती भूमिका से इनकार भी नही किया जा सकता लेकिन उसके पूर्व कांग्रेस के नेता साठगांठ के पलड़े को उलटा कर कांग्रेस में कैसे स्फूर्ति, ताकत फूकेंगे जो चुनाव में उनके लिए वरदान साबित हो यह यदि निगाहें देख रही है तो कोई आश्चर्य नही होगा।