एस पी वर्मा
सिंगरौली ३ सितम्बर ;अभी तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली में अध्ययनरत एक होनहार आई आई टी छात्र ने अपने दोस्तों के रिलेटिव प्रशासनिक अधिकारियों को देख प्रेरित हो संकल्प लिया कि वह भी देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक सिविल सेविसेज(UPSC) परीक्षा को पास कर एक दिन प्रशासनिक अधिकारी बनेगे। आई आई टी छात्र का प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना 2012 में तब पूर्ण हुआ जब चौथे प्रयास में UPSC परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की और कलेक्टर बनने के संकल्प व सपने को पूरा किया।
वह होनहार आई आई टी छात्र कोई और नही बल्कि *सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा* हैं। उन्होंने एक चर्चा के दौरान अपने जीवन के संघर्ष व अनुभवों को साझा किया। आई आई टी स्टूडेंट से कलेक्टर बनने तक के संघर्ष को साझा करते हुए *कलेक्टर श्री मीणा* ने बताया कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली में अध्ययन के दौरान कोर्स के अंतिम वर्ष में कालेज के दोस्तों के रिलेटिव प्रशासनिक अधिकारी जो विभिन्न पदों पर पदस्थ थे ,से मिलकर इतना प्रभावित हुए की उसी दिन संकल्प ले लिया कि स्नातक करने के बाद देश के सबसे बड़ी परीक्षा को वह भी पास करेंगे। *सिंगरौली कलेक्टर श्री मीणा* ने आगे बताया कि वह पहले, दूसरे व तीसरे प्रयास में मामूली अंको से सफल होते होते रह जाते थे लेकिन 2012 में वह भी दिन आया जब उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास किया और अपने संकल्प व सपने को पूरा किया।
*राजस्थान के जिला दौसा के हैं निवासी*
राजस्थान के जिला दौसा का छोटा सा गांव सालमपुर कलेक्टर सिंगरौली श्री मीणा का जन्मस्थान है। जबकि 12 वी तक पूरी शिक्षा पड़ोसी जिला भरतपुर में हुई है। सन 2000 में 12 वी उतीर्ण होने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली में दाखिला हुआ जहाँ 2005 में स्नातक की डिग्री लेने के बाद सिविल सेविसेज की तैयारी में जुट गए।
*पिता हैं बैंक अधिकारी, स्वयं 2 वर्ष तक रहे शिक्षक*
पारिवारिक पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए बताया कि उनके पिता उमेदी लाल एक बैंक अधिकारी हैं। पांच- भाई बहनों में दूसरे नंबर के कलेक्टर श्री मीणा के भाई व्यवसायी, बहन बैंक कर्मी व पत्नी भी एक निजी कंपनी में अधिकारी हैं। कलेक्टर श्री मीणा ने बताया कि वह आई आई टी में स्नातक करने के बाद 2005 से 2007 तक एक विद्यालय में शिक्षक कार्य किये। दो प्यारी बेटियों के पिता कलेक्टर श्री मीणा स्कूल व कालेज के समय एथलेटिक्स, वेट लिफ्टिंग, बैडमिंटन आदि कई खेलों में रुचि रखते थे। वेट लिफ्टिंग व बैडमिंटन में तो इंटर कालेज के कई बार विजेता भी रह चुके हैं।
*बतौर डीएम जिला नीमच में संभाला था कार्यभार*
कलेक्टर श्री मीणा ने बताया कि बतौर डीएम उनकी *पहली पोस्टिंग दिसम्बर 2018 में जिला नीमच* हुई थी जहाँ वह जून 2019 तक पदस्थ रहे। इससे पूर्व 2012 में परीक्षा पास करने के बाद मसूरी में 1 वर्ष तक प्रशिक्षण लिया। कलेक्टर श्री मीणा के अनुसार वह *2013 से 2014 तक सहायक कलेक्टर इंदौर* रहे। 2014 से 2015 तक *एसडीएम नागदा उज्जैन*, 2015 से 2016 तक *सागर जिला पंचायत सीईओ*, 2016 से 2018 तक लगातार दो वर्ष तक *जिला पंचायत सीईओ देवास* रहे। उसके बाद 2019 से जून 2020 तक *भोपाल ऊर्जा विकास निगम में प्रबंध संचालक* के पद पर भी एक वर्ष तक कार्य किया।
*डीएम ,एसडीएम व सीईओ रहते संतोषजनक कार्य*
कलेक्टर श्री मीणा ने बताया कि नीमच में जब कलेक्टर रहे उस समय लोक सभा चुनाव था जिसे उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके स्व सम्पन्न कराया था। इससे पूर्व उज्जैन एसडीएम पद पर रहते हुए शासकीय भूमियों दबंगो के कब्जो से मुक्त कराया था जिससे शासन की अचल संपत्ति को संरक्षित करने की संतुष्टि मिली। जिला पंचायत सीईओ रहते प्रधानमंत्री आवास का सही तरीके से क्रियान्वयन किया। जिसके लिए प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित भी हुए हैं।
*अच्छे कालेज से करें स्नातक*
कलेक्टर श्री मीणा ने UPSC परीक्षा के तैयारी के लिए जिले के युवाओं को संदेश दिया कि सबसे पहले तो किसी भी अच्छे कालेज से नियमति रूप से स्नातक करें इससे उन्हें नवीन अनुभव मिलेगा। साथ ही लक्ष्य निर्धारित कर मानसिक रूप से तैयार कर ध्यान केंद्रित कर तैयारी करें सफलता जरूर मिलेगी। हो सके तो कोचिंग व अन्य माध्यम से तैयारी आदि के साथ पुराने UPSC से जुड़े लोगों से भी अनुभव प्राप्त करें। जिले के विकास सहित अन्य मुद्दों पर बेबाकी से चर्चा करते हुए कलेक्टर श्री मीणा ने कहा कि सिंगरौली केवल ऊर्जा देने वाला जिला नही है बल्कि यहाँ के लोग भी काफी ऊर्जावान हैं। जिले को और विकास की जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर इसे बढ़ाने का पूरा प्रयास करेंगे।
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