राजेंद्र तिवारी
जगदलपुर १९ अक्टूबर ;अभी तक; बस्तर लोकसभा सांसद दीपक बैज ने कहा है कि मरवाही उपचुनाव में अमित जोगी और रिचा जोगी के निर्वाचन फॉर्म का निरस्त होना अपने आप में यह सिद्ध करता है कि लंबे समय से इनके परिवार के प्रति जातिगत मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज, सामाजिक स्तर से लेकर न्यायालय तक संघर्षरत रहा है और अब ऐसा महसूस होता है कि शायद वास्तविकता सामने आ चुकी है और दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है।
अमित जोगी का नामांकन निरस्त होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा है कि लोकतंत्र से जुड़ी एक मजबूत प्रक्रिया का आदिवासी समाज हमेशा से सम्मान करता रहा है और जब कभी भारतीय गणतंत्र के अनुरूप निर्वाचन संपन्न कराए जाने की प्रक्रिया आरंभ होती है तो बहुत जिम्मेदारी और गंभीरता के साथ इसकी प्रारंभिक प्रक्रिया में भाग लिया जाता है। चुनाव लड़ने की प्रक्रिया से इनको अलग करने का आदिवासी समाज स्वागत करता है साथ ही इससे यह साबित होता है कि बहुत गंभीरता और संजीदगी के साथ निर्वाचन प्रक्रिया की कार्यवाही संपादित की जा रही है ।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक चंदन कश्यप ने कहा है कि जोगी परिवार के आदिवासी होने को लेकर कई अटकलें लगातार चलती रहीं जिसको लेकर आदिवासी समाज में गहरी नाराजगी भी रही। भारतीय लोकतंत्र के निर्वाचन का यह महत्वपूर्ण आदेश अपने आप में यह सिद्ध करता है कि कौन अपने स्वार्थ के लिए लंबे समय से जाति या धर्म की राजनीति करता रहा है।
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