नाबालिग से शादी करने के नाम पर हवस का शिकार बनाने वाले आरोपी को 10 साल की कैद की सजा

8:56 pm or March 3, 2023

मयंक शर्मा

खंडवा  ३ फरवरी ;अभी तक;  शुक्रवार को यहां अदालत ने   नाबालिग से शादी करने के नामपर हवस का शिकार बनाने वाले आरोपी नवल पिता राम सिंह (24) निवासी ग्राम जुनापानी, थाना नर्मदानगर को  10 साल की कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट में पीड़िता और उसके परिवार ने आरोपी का बचाव किया, लेकिन नाबालिग की कोख से जन्मी एक बेटी को कोर्ट ने साक्ष्य माना और दुष्कर्म समेत पॉक्सो एक्ट में आरोपी को दोषी ठहराया।

विशेष न्यायाधीश प्राची पटेल ने आरोपी नवल े 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रूपेश तमोली ने की।

उन्होने बताया कि गत  5 सितंबर 2018 को पीड़िता अपने मामा के गांव से अपने घर लौट रही थी। मामा ने अपने जीजा तथा पीड़िता के पिता को फोन करके बताया कि, दोपहर 3 बजे  उसे बस में बैठा दिया है। जब पीड़िता का पिता उसे लेने बस स्टैंड आया तो वह नहीं मिली। फिर जूनापानी के रहने वाले नवल पर शक हुआ कि, वही मेरी नाबालिक लड़की को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है।  तलाश में असाफल रहने पर  थाना नर्मदानगर पर गुमशुदगी क रपट दर्ज कराई।

पुलिस ने  पड़ताल की तो 6 माह बाद 15 फरवरी 2019 को नाबालिग दस्तयाब कर लिया गया। नाबालिग लड़की ने पूछताछ में बताया कि वह नवल पिता रामसिंह को पिछले 2 साल से जानती पहचानती थी। नवल मेरे भाई का दोस्त होने के कारण मेरे घर आता-जाता था। फिर उसके बाद नवल से मुझे प्यार हो गया। हम दोनों पति पत्नी की तरह मुलाकात करते थे। जिससे कि मैं प्रेग्नेंट हो गई। इसके बाद 5 सितंबर 2018 की दोपहर 3 बजे नवल मुझे इंदौर ले गया। वहां रेलवे स्टेशन के पास झोपडी में रहने लगे। इंदौर के लाल अस्पताल में मुझे नवल से एक पुत्री का जन्म हुआ। इंदौर में नवल ने पत्नी बनाकर रखा।

एडीपीओ रूपेश तमोली ने आगे बताया कि  कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीडिता और उसके माता-पिता ने आरोपी के बचाव में उसी के पक्ष में बयान दिए थे।अभियोजन पक्ष बचावव में आये साक्षियों को ं पक्षद्रोही घोषित किया । फैसले सजा होने का कारण घटना के समय पीड़िता की उम्र 17 वर्ष होकर नाबालिग होना थी। जब पीड़ता वापस दस्तयाब हुई, तब वह एक पुत्री को जन्म दे चुकी थी। पुत्री का जन्म 25 दिसंबर 2018 को हुआ था। न्यायालय में अभियोजन पक्ष यह प्रमणित करने में सफल रहकि  पीड़िता नाबालिक थी, तभी वह प्रेंग्नेंट हो गई थी। इसी आधार पर न्यायालय ने  दोषसिद्ध पाते हुये कैद ीि सजासे दंडित किया।