प्रहलाद कछवाहा
मंडला 03 फरवरी ; अभी तक. शासकीय जगन्नाथ उत्कृष्ट विद्यालय में राष्ट्रीय हरित कोर योजना इको क्लब के छात्र एवं छात्राओं द्वारा विश्व नम भूमि दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत विद्यालय में निबंध चित्रकला एवं संगोष्ठी का आयोजन कर छात्र एवं छात्राओं को नर्मदा तट पर ले जाकर नम भूमि दिवस एवं नर्मदा संरक्षण महत्व को समझाया गया। इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती आभा चौरसिया द्वारा छात्रों को नम भूमि दिवस के महत्व की जानकारी दी। आरके हरदहा ने नर्मदा के संरक्षण के लिए छात्रों को वनों के संरक्षण एवं उनके संवर्धन के लिए अनेक सुझाव देते हुए कहां कि प्रत्येक छात्रों को अपने जन्मदिन पर एक पौधा नर्मदा के तट पर लगाकर नर्मदा तट पर हरित गैलरी बनाए जाने की अपील की।
कार्यक्रम में इको क्लब प्रभारी आरके क्षत्री ने बताया कि 02 फरवरी 1971 को ईरानी देश के रामसर शहर में कैस्पियन सागर के तट पर नम भूमि दिवस का सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसके साथ ही भारत में इस समझौते में 1982 से विश्व नम भूमि दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। जिसके अंतर्गत विविध आयोजन किए जाते है। स्कूल के छात्रों में इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए निबंध, चित्रकला व संगोष्ठी के माध्यम से छात्रों को जागरूक किया जाता है, जिससे विद्यार्थी जीवन में प्रकृति के संतुलन में अपना योगदान दे सकें।
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि हमारे गांव व शहरों में पुराने बने हुए तालाव, बावड़ी, नदी व पोखर को संरक्षण करना हर नागरिक का कर्तव्य है, जिससे पृथ्वी पर नमी बनी रहे और जैव विविधता का संरक्षण हो सके। उन्होंने छात्रों को अवगत कराया यदि पृथ्वी हमारी शुष्क हो जाएगी तो पृथ्वी से जलीय जीव, जंतु व वनस्पति खत्म हो जाएंगे। जिससे भूकंप एवं ज्वालामुखी पृथ्वी पर आते रहेंगे। जिससे चारों तरफ सर्वनाश होगा। इसलिए आवश्यक है कि जल स्रोतों का संरक्षण करना आवश्यक है, प्रकृति में मिट्टी में जीवन प्रदान करने के लिए प्रकृति में जल होना आवश्यक है जिसे पृथ्वी पर नमी बनी रहे। इस अवसर पर छात्र एवं छात्राओं के द्वारा नर्मदा के तट पर श्रमदान कर पॉलिथीन को एकत्र कर अलग किया गया एवं सभी छात्रों ने नमभूमि दिवस के अवसर पर नर्मदा एवं जल स्रोतों की सुरक्षा के लिए संकल्प लिया।