पेंटीनाका-बरेला मार्ग से अतिक्रमण हटे या नहीं संयुक्त रूप से करो सर्वे, कलेक्टर, केंट प्रशासन, एनएचएआई डायरेक्टर को पक्षकार बनाते हुए दिये निर्देश

8:59 pm or February 10, 2023

सिद्धार्थ पांडेय

जबलपुर १० फरवरी ;अभी तक;  मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस बात की सत्यता का पता करने के निर्देश दिए हैं कि पेंटीनाका से बरेला रोड पर काबित अतिक्रमण हटाए गए हैं या नहीं। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले में जबलपुर कलेक्टर, केंट बोर्ड प्रशासक, एनएचएआई के डायरेक्टर व पीडब्ल्यूडी के सीईओं को पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए कहा है संयुक्त रूप से सर्वे करे कि उक्त मार्ग से अतिक्रमण हटे या नहीं।

स्टेट बार कौसिल के वाईस चेयरमैन तथा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया कि पूर्व में हाईकोर्ट ने पेंटीनाका से बरेला की 80 फिट चौड़ी रोड से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन इसका पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जवाब पेश नहीं करने पर निगम प्रशासन व बरेला सीएमओ पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई थी।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राधेलाल गुप्ता एवं रमाकांत अवस्थी ने कोर्ट को बताया कि पेंटीनाका से बरेला तक सड़क के दोनो तरफ  बेजा अवैध कब्जों से राहगीरों और नागरिकों को बहुत परेशानी हो रही है। इस मामले में वर्ष 2006 में याचिका दायर की गई थी। उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर दिन प्रतिदिन अतिक्रमण बढ़ते ही जा रहे हैं। फुटपाथ पर भी कई लोगों ने स्थायी व अस्थायी दुकानें लगा ली हैं। इससे आवागमन प्रभावित होता है और ट्रेफिक जाम की समस्या होती है। मामले की पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने सत्यता जांचने के निर्देश दिये थे। वहीं आवेदक की ओर से कहा गया कि अब भी उक्त मार्ग पर डेढ़ से दो सौ अतिक्रमणकारी काबिज है। जिसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।