विधिक संवाददाता
इंदौर १६ मार्च ;अभी तक; जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 16/03/2023 को माननीय न्यायालय- श्री राकेश गोयल, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष न्यायालय, इंदौर ने विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 03/2016 में निर्णय पारित करते हुए आरोपीगण मोहन यादव एवं मोना यादव निवासी इंदौर को धारा 467, 468 सहपठित धारा 120बी एवं 420 भा.दं.वि. में 3-3 वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा 471 भा.दं.वि. में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 11000-11000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया । प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती ज्योति गुप्ता द्वारा पैरवी करते हुये लिखित अंतिम तर्क भी प्रस्तुत किये गए।
घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि दिनांक 24/8/2011 को शिकायतकर्ता के. सुरेश मुख्य प्रबंधक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया मिल एरिया इंदौर व्दारा मोहन यादव, मोना यादव, एम.सी. व्यास तत्कालीन मुख्य प्रबंधक सेन्ट्राल बैंक ऑफ इंडिया शाखा मिल एरिया इंदौर, राजकुमार ऐरन तत्कालीन प्रबंधक सेन्ट्रपल बैंक ऑफ इंडिया शाखा मिल एरिया इंदौर आदि के विरुद्ध फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर लोन लेने के सम्बन्धक में शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में दर्ज कराई गयी थी, जिसके आधार पर प्राथमिक जाँच गठित की गयी थी, तत्पश्चात् अभियुक्तगण के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 120-बी,406, 409, 467, 468 भा.दं.वि. के अंतर्गत एवं धारा 13(1) डी सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत पंजीबद्ध की गयी थी। अभियुक्तगण मोहन यादव एवं मोना यादव व्दारा स्क्रीम नंबर 54 विजय नगर इंदौर के भूखंड क्रमांक 66-ईएच पर आवास ऋण कई बैंकों से फर्जी रजिस्ट्रियों के आधार पर धोखाधड़ी कर प्राप्त किया था,इसी तारतम्य मे सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया मिल एरिया इंदौर से भी इसी रजिस्ट्री के आधार पर 20 लाख रुपये का लोन मोहन यादव व मोना यादव द्वारा प्राप्त किया गया था। उक्त आरोप के आधार पर अपराध उपरोक्त धाराओं में पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना उपरान्त आरोप सिद्ध पाये जाने पर माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र अभियुक्तगण के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया था। जिस पर से अभियुक्तगण को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।