खरगोन से आशुतोष पुरोहित
खरगोन 3 अगस्त :;अभी तक; खरगोन जिला मुख्यालय स्थित निजी अस्पताल परिसर से एक वर्षीय बालक को चुराने वाले दंपति की 3 दिन की पुलिस रिमांड स्वीकृत हुई है। पुलिस को इस मामले में मानव तस्करी के तार होने की आशंका है।
खरगोन के अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) राकेश मोहन शुक्ला ने बताया कि एक वर्षीय बालक हसनैन को खरगोन स्थित एक निजी अस्पताल परिसर से चुराकर पीथमपुर ले जाने वाले दंपति आशा और आतिश उर्फ अतुल मसानी को विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर आज न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से उनका 6 अगस्त तक का पुलिस रिमांड प्राप्त हुआ है।
उन्होंने बताया कि कल दोपहर बच्चा चुराने के बाद वे इसे पीथमपुर स्थित वृंदावन कॉलोनी ले गए थे। सीसीटीवी फुटेज और अन्य सूचनाओं के आधार पर पहुंची पुलिस ने इन्हें हिरासत में लेकर बच्चे को सकुशल बरामद किया था। उन्होंने बताया कि दंपति 4 दिन पूर्व खरगोन जिले के उन थाना क्षेत्र के तलकवाड़ा से एक बच्चा चुराने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। न्यायालय से जमानत मिलने के उपरांत उन्हें कल इस तरह की घटना करने के बाद पुलिस को आशंका है कि इनके तार मानव तस्करी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी आशा के मोबाइल से कई अज्ञात बच्चों के फोटो भी मिले हैं।
उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना के लिए पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने एक विशेष दल का गठन किया है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के जलगांव जिले के रावेर निवासी केला व्यापारी शेख कासम व उनकी पत्नी अपने एक वर्षीय नाती को लेकर खरगोन के निजी अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती अपनी पुत्री सिमरन की तीमारदारी हेतु आए थे। अस्पताल परिसर के बगीचे में खेलने के दौरान आशा बच्चे को बहला-फुसलाकर ले गई थी। सूचना मिलने के बाद पुलिस तत्काल सक्रिय हो गई थी और कल रात प्रकरण दर्ज होने के दौरान ही बच्चे को ढूंढ कर आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया था।
शुरुआती पूछताछ में दंपति ने बताया था कि उन्होंने उक्त बच्चे का भीख मंगवाने के लिए अपहरण किया है। आरोपी महिला ने बताया था कि आतिश पीथमपुर स्थित एक ट्रक फैक्ट्री में कार्यरत है लेकिन उनके आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। महिला खरगोन जिले के तलकवाड़ा की ही निवासी है।
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