सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर २४ जनवरी ;अभी तक; बलात्कार के आरोप में गिरफतार टीआई संदीप अयाची को हाईकोर्ट ने राहत मिली है। हाईकोर्ट जस्टिस डी के पालीवाल ने पाया आरोपी टीआई को जमानत का लाभ प्रदान किया है।
गौरतलब है कि कटनी में पदस्थ टीआई संदीप अयाची के खिलाफ महिला आरक्षक ने षादी का प्रलोभन देकर बलात्कार करने की षिकायत महिला थाने जबलपुर में दर्ज करवाई थी। महिला आरक्षक का आरोप था साल 2018 में गोरखपुर थाने में पदस्थापना के दौरान वह थाना प्रभारी के करीब आई थी। जिसके बाद वह षादी का प्रलोभन देकर उसके साथ दुराचार करते रहे। पुलिस ने पीडिता की षिकायत पर टीआई के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया था।
अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने के बाद आरोपी टीआई ने सरेंडर कर दिया था। आरोपी टीआई सितम्बर माह से न्यायिक अभिरक्षा में है। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान पीडिता द्वारा न्यायालय को अषोभनीय भाषा में पत्र लिखने का मामला सामने आया था। एकलपीठ के समक्ष उपस्थित होकर पीडिता ने किसी प्रकार का पत्र लिखने से इंकार कर दिया था। एकलपीठ ने न्यायालय को प्राप्त हुए दो पत्रों की जांच के निर्देष दिये थे। जांच के पत्र फर्जी पाये गये और पुलिस ने उक्त मामले में प्रकरण दर्ज किया था।
जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने एकलपीठ को बताया कि आरोपी विगत चार माह से न्यायिक अभिरक्षा में है। पुलिस ने उसके खिलाफ चालान पेष कर दिया था। षिकायतकर्ता महिला बालिग और पुलिस आरक्षक है। दोनों के बीच आपसी सहमत्ति से संबंध स्थापित हुए थे और उसके द्वारा झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरार षिकायतकर्ता को ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर वयान दर्ज करवाने आदेषित किया था। आदेष के बावजूद भी षिकायतकर्ता वयान दर्ज करवाने ट्रायल कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को जमानत का लाभ प्रदान किया है।
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