राजेंद्र तिवारी
जगदलपुर, 18 अक्टूबर ;अभी तक; बस्तर दशहरा का प्रमुख आकर्षण फूलरथ की पहली परिक्रमा आज रविवार को संपन्न हुई।
फूलों से सजे आठ चक्के के इस रथ को लेकर जगदलपुर और तोकापाल तहसील के 36 गांवों से पहुंचे लगभग 400 ग्रामीणों ने खींचकर गोलबाजार क्षेत्र का परिक्रमा कराया।
ज्ञात हो कि काकतीय नरेश पुरुषोत्तम देव ने एक बार श्री जगन्नाथपुरी तक पैदल तीर्थयात्रा कर मंदिर में स्वर्ण मुद्राएँ तथा स्वर्ण भूषण आदि सामग्री भेंट में अर्पित की थी। यहाँ राजा पुरुषोत्तम देव को रथपति की उपाधि से विभूषित किया गया। जब राजा पुरुषोत्तम देव पुरी धाम से बस्तर लौटे तब उन्होंने धूम-धाम से दशहरा उत्सव मनाने की परंपरा का शुभारम्भ किया और तभी से गोंचा और दशहरा पर्यों में रथ चलाने की प्रथा चल पड़ी।
बस्तर दशहरा में शारदीय नवरात्रि की द्वितीया तिथि से सप्तमी तिथि तक फूलरथ को शहर के मध्य परिक्रमा कराए जाने की परंपरा है। इस साल कोरोना के संक्रमण को देखते हुए बस्तर दशहरा समिति और जिला प्रशासन द्वारा पूरी सावधानी के साथ इस रस्म को मनाने का निर्णय लिया गया और लगभग 400 स्वस्थ युवाओं को ही इस रस्म में भागीदारी निभाने की जिम्मेदारी दी गई। इन सभी युवाओं को पहले से ही क्वारन्टीन में रखने के साथ ही कोरोना जांच भी की गई है, ताकि संक्रमण की किसी भी संभावना को खत्म किया जा सके।
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