महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ६ सितम्बर ;अभी तक; एनएसयूआई एवं यूथ कांग्रेस के जिला महासचिव श्रीद पांडेय ने बताया कि शहरी इलाके में हर दस में एक व्यक्ति इस समय बेरोजगारी की मार झेल रहा है. भारत में लॉकडाउन में ढील देने के बाद रोजगार के मोर्चे पर जून के मुकाबले जुलाई 2020 में बेहतर आंकड़े सामने आए थे। उम्मीद की जा रही थी कि अनलॉक के बाद धीरे-धीरे रोजगार के आंकड़े और बेहतर होंगे, लेकिन अगस्त 2020 के आंकड़ों ने एक बार फिर निराश किया है. जुलाई के मुकाबले अगस्त 2020 में रोजगार के अवसर घटे हैं। युवाओं का भविष्य खतरे में आ चुका है। आर्थिक रूप से परेशान युवा रोजगार की तलाश में डर-डर भटक रहा हूॅ।
श्रीद पाण्डेय ने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अगस्त 2020 में भारत में बेरोजगारी की दर बढ़ी है. आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में बेरोजगारी दर 8.35 फीसदी दर्ज की गई, जबकि पिछले महीने जुलाई में इससे कम 7.43 फीसदी थी। जून के मुकाबले जुलाई में शहरी और ग्रामीण दोनों ही बेरोजगारी दरों में मामूली गिरावट दर्ज की गई थी। जुलाई में शहरी बेरोजगारी दर घटकर 9.15 फीसदी रह गई थी, जो जून में 12.02 प्रतिशत थी. ग्रामीण बेरोजगारी दर जून में 10.52 फीसदी से घट कर जुलाई में 6.66 प्रतिशत रह गई थी।
श्रीद पांडेय ने बताया कि ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र हर तरफ बेरोजगारी विकराल रूप ले रही है। रोजगार के मुद्दे पर केन्द्र व प्रदेश सरकार विफल नजर आ रही है। सरकार को युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना चाहिए, सिर्फ कहने मात्र से रोजगार नहीं मिलेगा आज का हर युवा रोजगार चाहता है।
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