महावीर अग्रवाल
मंदसौर २० सितम्बर ;अभी तक; सांसद सुधीर गुप्ता ने बैंकों की सुरक्षा सेवा को लेकर लोकसभा में प्रश्न किया । सांसद गुप्ता ने कहा कि बैंकों और बैंकों के लॉकरो की सुरक्षा कमजोर स्थिति में है और बैंक लॉकरो में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था नहीं होने के साथ ही बैंकों में तैनात सुरक्षाकर्मियों को बैंक चोरी रोकने के लिए अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध नहीं कराए गए हैं । यदि ऐसा है तो इसके क्या कारण है और सरकार द्वारा इस संबंध में क्या सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं या उठाए जा रहे हैं। इनके मापदंड क्या है । इसी के साथ ही सांसद सुधीर गुप्ता ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) बैंक लाखों की चोरी और लूट या छेड़छाड़ की जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं जबकि बैंक ग्राहकों से सालाना लाकर शुल्क के रूप में भारी रुपए ले रहे हैं। यदि ऐसा है तो भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को क्या निर्देश जारी किए हैं। वही बैंक लॉकर में रखी गई मूल्यवान वस्तुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी ग्राहकों की है यदि ऐसा है तो इसके क्या कारण है और सरकार द्वारा इस संबंध में क्या सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रश्न के जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों मैं नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बैंक शाखाओं में शारीरिक जांच के अतिरिक्त सीसीटीवी और पैसिव इंफरेड उपकरण युक्त बगलर अलार्म और फायर अलार्म प्रणाली जैसे जांच उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं तथा यह व्यवस्था नियमित जांच और लेखा परीक्षा प्रणाली के अध्ययीन है । इसी के साथ ही बैंकों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार उन्होंने सूचीबद्ध और विधिवत लाइसेंस रखने वाली सुरक्षा एजेंसीयो की ओर से सुरक्षा गार्ड की तैनाती करने सहित सुरक्षा सेवाएं आउटसोर्स की है। सरकार द्वारा बैंकों को यह सूचित भी किया है कि बैंकों में तैनात सुरक्षा गार्डों को गैर प्रतिबंधित बोर हथियार प्रदान किए गए हैं। उनके पास हथियार का लाइसेंस है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लॉकरो की स्थिति के संबंध में बताया कि बैंकों ने सूचित किया है कि वह स्ट्रांग रूम और दिए गए लॉकरो की सुरक्षा के लिए उनकी समुचित देखभाल करते हैं और एहतियात बरतते हैं और किए गए सुरक्षा उपायों में लाकर रूम की सुरक्षा की अधिक समीक्षा करना शामिल है। इसके अलावा लाकर रूम तक पहुंच की निगरानी सीसीटीवी कैमरे द्वारा की जाती है और बगलर अलार्म लगाए गए हैं । इसी के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने दिनांक 9.3.2001 के परिपत्र द्वारा बैंकों को यह सलाह दी है कि बैंकों की देयता घटना की वास्तविकता और परिस्थितियों पर निर्भर है और यह की लीज समझौते की शर्तों के बावजूद पट्टा धारक को लाकर की सामग्री का बीमा कराना चाहिए और लापरवाही प्रमाणित होने पर बैंक को उत्तरदाई ठहराया जा सकता है । वही आरबीआई ने दिनांक 17.4. 2017 को बैंकों के लाकरो की सुरक्षा के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसमें कहा गया है कि बैंक ग्राहकों को दी गई लाकरों की सुरक्षा के लिए समुचित निगरानी करें और आवश्यक सावधानी बरतें । बैंकों आरबीआई के परामर्श व दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही कदम उठाए हैं।
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