दीपक शर्मा
पन्ना १७ फरवरी ;अभी तक; जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के सहा. मीडिया प्रभारी/सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी रोहित गुप्ता ने बताया कि अभियोजन का प्रकरण इस प्रकार है कि प्रकरण के फरियादी भगवानदास ने थाना में उपस्थित होकर इस आशय की प्रथम सूचना दर्ज कराई कि दिनांक 26.07.2018 को करीब 12ः00 बजे जगदीश यादव के मवेशी उसके खेत में घुसकर धान की फसल चर रहे थे। उसने मवेशियो को हांक कर खेत से बाहर कर दिया और खेत में बारी लगाने लगा, तभी जगदीश यादव व गेंदा बाई आई और उससे बोलने लगे कि यहां पर बारी क्यों लगा रहे हो तो वह बोला कि, वह अपनी जमीन में बारी लगा रहा है। उसके बाद भैयालाल यादव, बहादुर यादव, नरेश यादव आये और उससे कहने लगे कि यहां पर बारी क्यों लगाते हो तो उसने कहा कि तुम्हारे मवेशी उसकी फसल चरते है इसलिये वह बारी लगा रहा है। इतने में सभी लोग उसे मां बहन की बुरी-बुरी गालियां देने लगे उसने गाली देने से मना किया कि तो भैयालाल, नरेश, जगदीश आये और उसके साथ कुल्हाड़ी एवं लाठी-डंडे से मारपीट करने लगे, तभी बहादुर जो हाथ में पत्थर लिये था, आया और उसके साथ पत्थर से मारपीट करने लगा। जब वह चिल्लाया तो उसकी मां जनकरानी व भोला यादव आ गये फिर आरोपीगण जाने लगे और जाते-जाते बोले की आज तो बच गया है अब जब मिलेगा तो जान से मारकर खत्म कर देगे। मारपीट में फरियादी के हाथ, पैर, आंख एवं कंधे में चोटे आई है। फरियादी की।
उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना रैपुरा में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। फरियादी आहत का मेडिकल परीक्षण कराया गया, घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये, जप्ती की कार्यवाही की गई। विवेचना के दौरान फरियादी/आहत भगवानदास के एक्स-रे में अस्थिभंग पाए जाने पर प्रकरण में धारा 325 भा0द0सं0 का इजाफा किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पवई, जिला पन्ना के न्यायालय मे शासन की ओर से पैरवी करते हुए श्री रोहित गुप्ता, सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा अभियोजन के साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराया, न्यायालय के समक्ष आरोपीगण गेंदाबाई, भैयालाल यादव, नरेश उर्फ नारायण यादव एवं बहादुर यादव को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपीगण का कृत्य गंभीरतम श्रेणी का होने के कारण कठोर से कठोरतम सजा दिये जाने का अनुरोध किया।
अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से संतुष्ट होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगण गेंदाबाई, भैयालाल यादव, नरेश उर्फ नारायण यादव एवं बहादुर यादव को धारा 325/34 भादसं. में 01-01 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500रूपए-500 रूपए, के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।