महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २ मई ;अभी तक; जैन ग्रंथों के अनुसार जैन धर्म भगवान आदिनाथ के समय से प्रचलन में आया और यहीं से तीर्थंकर परम्परा भी शुरू हुई। भगवान आदिनाथ प्रथम तीर्थंकर हुए। भगवान महावीर जो 24वें तीर्थंकर हुए उनसे पहले चतुर्विद संघ नहीं थां चतुर्विद संघ में श्रावक श्राविका तथा साधु साध्वी होते है। भगवान महावीर को जब केवल ज्ञान हुआ उसके बाद आपने समोशरण में वेशना दी और उसके बाद कई महिलाओं ने दीक्षा ग्रहण की ओर साध्वी बनी। जिससे जैन समाज चतुर्विद संघ से परिपूर्ण हो गया। भगवान महावीर ने उसी समय वैशाख सुद ग्यारस को जैन शासन की स्थापना की जो हर वर्ष जैन समाज द्वारा मनाया जाता है।
