महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १४ सितम्बर ;अभी तक; किसी भी नगर में प्रवेश करने का माध्यम उस शहर की सड़क होती है, लेकिन बाहर से आने वाले व्यक्ति को मंदसौर शहर में प्रवेश करते ही बड़े-बड़े गड्डों से बचते-बचाते बमुश्किल मंदसौर मंे प्रवेश करता है और मंदसौर के बारे में उसके विचार नकारात्मक हो जाते है। मंदसौर शहर के बीच से होकर गुजरने वाला महू-नीमच रोड सड़क मार्ग की हालत बद से बदतर हो गई है जो मंदसौर शहर की शान में एक दाग या धब्बा नजर आ रहा है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे होकर गिट्टी कंकर निकल गई है। जिससे आए दिन राहगीर गिर रहे है। नयाखेड़ा बायपास से लेकर मंडी तक तो विद्युत पोल है लेकिन रात्रि को अंधेरा बना रहता है और मंडी से गुराडिया देदा तक बायपास पर पूरे समय अंधेरा ही रहता है। शहर से होकर गुजरने वाले इस मार्ग की बदहाल हालत को मंदसौर जिले के जनप्रतिनिधि, मंत्री, विधायक, सांसद, प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर आदि भी देखते है लेकिन फिर भी इस जर्जर सड़क की हालात पर शहरवासी आंसू बहाने को मजबूर है।
सभी का ध्यान आकृष्ट करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन के जिला अध्यक्ष शिवशंकर सोलंकी ने कहा कि इस मार्ग पर सबसे बड़ी अनाज मंडी, सब्जी मंडी, फैक्ट्रियां, स्कूल, कलेक्टर व एसपी कार्यालय सहित अन्य शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय, महाविद्यालय और सरकारी जिला कार्यालय, अष्टमुखी भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर पहुंच मार्ग, कई रहवासी कॉलोनियां आदि पर इसी रास्ते होकर जाना पड़ता है। यह मार्ग अन्य शहरों से आने जाने वाले राहगीरों के लिए सरल मार्ग है जो बदहाल एवं जर्जर हो चुका है। इस सड़क मार्ग से निकलने वाले वाहनों में भी भारी टूट-फूट होकर आने जाने वालों को परेशानी एवं जोखिम भरा सफर रहता है। शहर को रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले सड़क मार्ग की इस प्रकार से दुर्दशा एवं जर्जर होना जनप्रतिनिधी एवं शासकीय, प्रशासनिक अधिकारी के उदासीनता का कारण है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन के जिला अध्यक्ष शिवशंकर सोलंकी, राकेश कुमार, बबलु करनाली, अशोक गहलोत, नगेंद्रसिंह, विक्रमसिंह राठौड़, दीपक प्रजापत, बबलु देवड़ा, सुनील चौहान, भोलाशंकर परमार, राम प्रसाद चौहान आदि ने स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं मध्य प्रदेश शासन के जिले में दो मंत्रियों एवं संबंधित अधिकारियों से उक्त बदहाल जर्जर मार्ग को दुरुस्त कराए जाने की मांग की है।
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