विपक्ष का कर्तव्य और जनप्रतिनिधियों एवम् प्रशासनिक अधिकारियों का  दायित्व

10:00 pm or March 18, 2023
महावीर अग्रवाल
 मन्दसौर  १८ मार्च ;अभी तक;  विपक्ष का काम कमियाँ उजागर करना हैं उसका धर्म निरंतर सतत लोककल्याणकारी योजनाओ और क़ानून व्यवस्था की निगरानी रखना हैं और योजनाओं का लाभ वे चाहे व्यक्तिगत लाभार्थी की हो या अधोसंरचना योजनाओ की हो नही मिले तो उसको बताना विपक्ष का कर्तव्य और दायित्व होता हैं .. विपक्ष का काम सुशासन और पारदर्शिता पर भी निगरानी रखने का दायित्व होता है ।
 उक्त बात पूर्व विधायक एव वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ सम्पत जाजू ने कही । उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि केंद्र और  राज्य सरकारों की वर्षों से बजट में स्वीकृत अधोसंरचना की योजनाओं का नीमच पात्र होते हुए भी लाभ नही ले पा रहा हो तो उसको आम लोग़ो के संज्ञान में लाना विपक्ष का काम हैं और  जिसकी अपेक्षा आम आदमी विपक्ष से करता हैं ।सरकार कोई भी योजना बनाती हैं तो वह उसे  ज़िला स्तर , नगरपालिका अथवा पंचायत स्तर और आबादी के मान से बनाती हैं और उस योजना के लिये बजट आवंटित कर देती है।
                              डॉ जाजू ने कहा कि जो जनप्रतिंधि उस योजना का गहनता से अध्यन करके उसके क्षेत्र में कहाँ उपयोगी हो सकती हैं का तुरंत प्रस्ताव बना कर भिजवा देते हैं और उसके बाद उसका फ़ालोंअप  सक्रियता  से करते हैं वे प्राथमिकता के आधार पर योजना तुरंत स्वीकृत करवा लेते हैं . यह सब जनप्रतिनिधि की सक्रिय कार्यशैली पर निर्भर करता हैं । इसी लिये तो हमारे यह  कहावत यूँ ही नही बनी हैं – जो जागत ( सक्रिय ) हैं ,सो पावत हैं ।
                                     उन्होंने कहा कि  दायित्व जनप्रतिनिधियो के साथ प्रशासन के ज़िला स्तर के विभिन्न विभागों के प्रमुखों का  भी होता हैं जो बजट स्वीकृत होते ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के संज्ञान में उनके विभाग की स्वीकृत योजना लाते हैं और तुरंत योजना का डी॰पी॰आर॰ बना कर संबधित विभाग के उच्च कार्यालय के माध्यम से राजधानी के कार्यालय में पहुँचा दे । जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का समन्वय ही तत्काल क्षेत्र संबधित योजना को स्वीकृति दिलवाने का प्रयास ही काम आता हैं ..योजना की स्वीकृति के बाद ज़मीन पर समय सीमा में में क्रियान्वयन करवाने का दायित्व सयुक्त रूप से जनप्रतिंधि और विभाग का होता हैं ।