महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १३ नवंबर ;अभी तक; हिन्दू धार्मिक मान्यताओं में धनवन्तरी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इनका प्राकट्य समुद्र मंथन के समय हुआ था। समुद्र मंथन में त्रयोदशी के दिन धनवन्तरीजी अवतरित हुए थें इसििलये दीपावली से पहले धनतेरस के दिन धनवन्तरी जयंती मनाने की परम्परा है।
दिनांक 13 नवम्बर 2020 कार्तिक विदी त्रयोदशी को गांधी चौराहा स्थित विश्वपति शिवालय मंदिर में महर्षि पतंजली संस्कृत संस्थान भोपाल से सम्बद्ध श्री नालंदा संस्कृत विद्यापीठ जिला कार्यालय मंदसौर के मार्गदर्शन में धनवन्तरी जयंति विद्वान पंडित भागवताचार्य पूज्य डॉ. मिथिलेश मेहता के मुख्य आतिथ्य एवं विभाग कार्यवाह श्री ईश्वरसिंह झाला की अध्यक्षता में आयेाजित हुई। प्रारंभ में भगवान धनवन्तरी के चित्र के आगे दीप प्रज्जवलित कर पूजन किया गया।
श्री मेहता ने भगवान धनवन्तरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व से योग और आयुर्वेद से कोरोना रूपी दानव और दानवी शक्तियां समाप्त होकर पुनः देवत्व का अभ्यूदय होगा।
इस पुनित अवसर पर वैद्य डॉ. मुकेश माहेश्वरी, गुरूदत्त मेहता, श्यामसुंदर देशमुख, अखिलेश मेहता, आचार्य विष्णु ज्ञानी, राजेश रत्नावत, बंशीलाल टांक, विनय दुबेला आदि उपस्थित थें। कार्यक्रम का संचालन जिला संस्कृत प्रभारी दिनेश पालीवाल ने किया एवं आभार अखिलेश मेहता ने माना।
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