महावीर अग्रवाल
मंदसौर १४ मई ;अभी तक; लगभग 20 वर्षों से शिवना शुद्धि को लेकर विभिन्न संगठनों और गणमान्य नागरिकों सहित शासकीय संसाधनों के साथ कार्य किया जा रहा है और *कुछ वर्ष पूर्व जन अभियान परिषद एवं तत्कालीन कलेक्टर श्री महेंद्र ज्ञानी के नेतृत्व में जनभागीदारी के माध्यम से* *शासकीय एवं अशासकीय तथा सामाजिक और व्यवसायिक क्षेत्र से भारी मात्रा में धन संग्रह शिवना शुद्धि के लिए करके व्यापक स्तर पर बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर शिवना को गहरी किया जाने का प्रयास किया गया इस मौके पर *एक बड़ी दीवार का निर्माण भी नदी की एक साइड में किया गया था तभी से इस प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं इस हेतु बार-बार पशुपतिनाथ मंदिर के सामने गहरीकरण इत्यादि सभी प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं किंतु* *उसका परिणाम संतोषजनक नहीं दिखाई देता है और विभिन्न व्यक्तियों का समय , परिश्रम एवं शासन तथा समाज* *का धन भी व्यर्थ हो जाता है**
अतः मेरा ऐसा सुझाव है कि शिवना नदी को शुद्ध करने के बाधक तत्व एवं स्थानों का निरीक्षण करने के लिए उद्गम स्थल से लेकर संगम स्थल तक एक टीम तैयार की जानी चाहिए जो इस बात का सर्वे करें कि शिवना शुद्धि में बाधाएं कहां कहां पर है? जैसे बिना किसी शासकीय अनुमति के बनाए गए बांध गैर कानूनी तरीके से खेतों की सिंचाई के लिए शिवना नदी में पनडुब्बी डालकर अवैध तरीके से पानी की भारी मात्रा में चोरी आदि इत्यादि
जब-जब गर्मी का मौसम आता है और शिवना में पानी सूखता है तो ही उसके शुद्धिकरण को लेकर चिंताएं शुरू हो जाती है किंतु *अंधेरा अंधेरा चिल्लाने से अंधेरा दूर नहीं होता है पर जहां अंधेरा हो वहां दीप जला दो तो अंधेरा दूर हो जाता है* इसी श्रृंखला में नगर/ जिले के टेक्निकल एक्सपर्ट ,सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं सहित सक्षम वर्ग की *एक वृहत बैठक कलेक्टर और विधायक के मार्गदर्शन में आयोजित की जानी चाहिए* और इसके साथ ही मंदसौर जिले के दोनों कैबिनेट मंत्री श्री जगदीश जी देवड़ा एवं श्री हरदीप सिंह डंग को और *संभव हो तो प्रतापगढ़ विधानसभा के विधायक महोदय को भी इसमें आमंत्रित किया जाना चाहिए* और जो लोग जमीन से जुड़े हुए हैं उनकी बातों को ध्यान पूर्वक सुन कर क्रियान्वयन करना चाहिए
*चूंकि नदी में निरंतर प्रवाह से ही नदी का शुद्धिकरण निश्चित होता है* इसलिए उद्गम स्थल से संगम स्थल तक पानी को अवैध रूप से कहां कहां रोका गया है और पानी की चोरी कहां-कहां पर हो रही है इसकी जांच जब तक नहीं होगी तब तक शिवना शुद्धि के अभियान की बाधाएं समाप्त नहीं होगी
*इसमें एक बात का और ध्यान रखना आवश्यक है कि हम पूरी शिवना नदी को शुद्ध चाहते हैं या केवल पशुपतिनाथ के सामने शुद्धिकरण जाते हैं* यह अवधारणा भी स्पष्ट होना चाहिए क्योंकि शिवना को यदि हम मां के रूप में देखते हैं तो *माता का संपूर्ण शरीर शुद्ध और स्वस्थ हो इसकी भी चिंता हमको करनी पड़ेगी*
इस दिशा में अधिक से अधिक जनता को भागीदार बनाया जाना चाहिए।
*- रमेशचन्द्र चन्द्रे*