महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २९ जुलाई ;अभी तक; जीवन में हमें सांसारिक राग (आसक्ति) से बचना चाहिये। संसार का राग जीवन के आत्मकल्याण में सबसे बड़ा बाधक है। जीवन में हमें स्वयं को इस संसार में मालिक बनकर नहीं मेहमान बनकर रहना चाहिये। मालिक बनकर रहोगे तो संसार के प्रति राग होगा, मेहमान बनकर रहोगे तो संसार के राग से बच सकोगे।

किसी को अपने वीक पाईंट मत दो- आचार्य श्री ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को हम अपने जीवन की कमजोरियां मित्र समझकर बताते है तो कभी जीवन में यही मित्र ही शत्रु बन जाता है तो वह आपकी वीक पाईंट पर वार कर सकता है। इसलिये जीवन में कमजोरी को छिपाओ।
पतंगा व हाथी से सबक लो- आचार्य श्री ने कहा कि किट पतंगा प्रकाश की ओर आकर्षित होता है लेकिन पतंगा को नहीं मालूम की प्रकाश की तेज गर्मी उसकी मृत्यु का कारण बन सकती है। हाथी सबसे शक्तिशाली प्राणी है शिकारी उसे आसानी से नहीं पकड़ पाता है इसलिये हाथी को पकड़ने के लिये शिकारी हथनी को आगे कर देते है। हथनी के स्पर्श की लालसा में हाथी जाल में फंस जाता है और हाथी शक्तिशाली होते हुए भी हथनी के प्रति राग के कारण शिकारी के जाल मे फंस जाता है इसलिये जीवन में किट पतंगा व हाथी से सबक लो। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकायें उपस्थित थे।