ऐसा मामले खंडवा जिले ेमे देखने को मिला है,। यहां शुक्रवार को कांग्रेस ने भाजपा की पत्थर राजनीति को आड़े हाथ लिया। भाजपा नेताओं पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर अनूप सिंह से शिकायत कर दी। हुआ यूं कि, खंडवा में विकास यात्रा के दौरान निर्माण और विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया जा रहा है। इस दौरान विधायक और सांसद अपने साथ पट्ठों और पार्टी पदाधिकारियों के नाम भी पत्थरों पर लिखवा रहे हैं। खंडवा विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पत्थरों पर भाजपा जिलाध्यक्ष सेवादास पटेल, कैलाश पाटीदार, मंडल अध्यक्ष भानु पटेल, गोविंद वर्मा जैसे लोगों के नाम है। जबकि यह नेता सिर्फ पार्टी तक ही सीमित है, न तो पंचायत के जनप्रतिनिधि और न ही विधायक या सरकार में कोई अहम जिम्मा मिला हुआ है।
कांग्रेस ने शिकायत में कहा कि, जल जीवन मिशन के अंतर्गत विभिन्न गांवों में पेयजल टंकी एवं अन्य निर्माण कार्यों के लोकार्पण कार्यक्रम में शिलालेखों पर क्षेत्रीय जनपद सदस्य एवं उपाध्यक्ष (पदेन शिक्षा समिति अध्यक्ष) का नाम एक भी शिलालेख पर अंकित नहीं कराया गया है। संबंधित विभाग द्वारा ठेकेदारों की मिलीभगत से निर्वाचित जनप्रतिनिधि को छोड़कर राजनैतिक संगठन के लोगों का नाम शिलालेखों पर अंकित किया जाकर लोकार्पण कराया गया है। जो कि शासन के दिशा-निर्देशों के अनुकूल न होकर प्रोटोकॉल के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। जिससे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान हो रहा है। ज्ञातव्य हे कि विकास यात्रा के दौरान जिस रोहिणी गांव में विधायक देवेंद्र वर्मा को ग्रामीणों ने खरी-खोटी सुनाई गई। उस गांव में पेयजल टंकी का निर्माण पूरा हुए सालभर से ज्यादा हो गया है। पूर्व सरपंच भगवानसिंह पटेल ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही टंकी से पानी की सप्लाई शुरू हो गई थी। अब दो दिन पूर्व विकास यात्रा के दौरान लोकार्पण का पत्थर लगाया गया है। टंकी निर्माण में ठेकेदार ने घटिया स्तर की सामग्री का उपयोग किया। मैंने एनओसी रोक दी थी, लेकिन पंचायत सचिव ने ठेकेदार से लेनदेन करके एनओसी दे दी। वर्तमान सरपंच जुगरबाई चैहान का कहना है, पंचायत ने अभी हैंड ओवर नहीं की है। काम अधूरा होने की कलेक्टर के पास शिकायत की है। विधायक वर्मा ने बगैर जानकारी के लोकार्पण कर दिया।