


सूर्य उपासना के महापर्व मकर संक्रांति मण्डला में आस्था की लगी डुबकियां ,भरे मेला हुये पुराण बटे लड्डू खिचड़ी
अब मकर संक्रांति महापर्व में बात मण्डला से डिंडोरी मार्ग के देवगांव संगम यहाँ माँ नर्मदा और बुढनेर नदियों के जलीय जल संगम के साथ प्रकृति ने अनुपम रचना की हैं यहाँ स्थानीय मान्यताओं में यहाँ पौराणिक गाथाओं का गुणगान श्रद्धा जनित करता हैं जमदाग्नि ऋषि के साथ परसुराम और कामधेनु गाय की गाथा के द्रष्टान्त सुनाई देते तो यहाँ के शिवलिंग भी अपने आप मे एक अलग दर्शन देते है।कहावतों की माने तो यहाँ देश के गुलामी काल मे पिंडारी लुटेरों ने देवगांव संगम में स्थित शिव लिंग में उस समयकाल में इतनी चमक थी जिसे यह समझ गया कि इस शिवलिंग में कोई बेशकीमती हीरा है इसकी चर्चा जब फैली तब किदवंती व्यख्यान में बताया गया कि पिंडारी लुटेरे इस शिवलिंग को लूटने यहाँ आये और जैसे जैसे इस शिवलिंग को खोदने का प्रयास किये यह शिवलिंग जमीन में नीचे धसता गया हार तक के लुटेरे यहां से वापस चले गये इस दिव्य शिवलिंग में आज भी जल अर्पित करने गजब की चमक देखी जा सकती हैं वही इस स्थल में मेल फीमेल पीपल और कामधेनु के पग चिन्ह को मान्यता हैं।इसका प्रसारण बर्ष 1983 में आकाशवाणी में मण्डला जिले की तस्वीर के शीर्षक से प्रसारण भी किया गया था इस मौके में भी मौजूद रहा।
Post your comments