महावीर अग्रवाल
मंदसौर २८ फरवरी ;अभी तक; मानव शरीर में विराट ऊर्जा है जिसे जानने और पहचाने के लिए ही मनुष्य जीवन मिला है, यदि शरीर स्वस्थ्य है तो जीवन यात्रा आनंदमंय संचालित हो सकती है लेकिन मानव ने भौतिक रूप से बहुत विकास कर लिया, बहुत कुछ प्राप्त कर लिया लेकिन शरीर के अंदर स्थित शक्तियों को पहचानने के लिए अन्र्तजगत में प्रवेश करना पड़ता है, इसी कला को विकसीत करने के लिए भगवान पशुपतिनाथ की पवित्र नगरी मंदसौर में पहली बार नऐ दृष्टिकोण शिविर का 6 दिवसीय विराट आयोजन स्थानीय लाॅ काॅलेज में दिनांक 3 से 8 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। इस शिवीर की गतिविधियों से अवगत कराने के लिए पिछले करीब बीस दिनों से भी अधिक समय से विभिन्न वर्गो के बीच डेमू क्लासेस ली जा रहीं है इसके साथ ही एक विशाल डेमू क्लास 1 मार्च को सुबह 7 बजे से लाॅ काॅलेज में ही होगी जिसमें प्रत्येक व्यक्ति सम्मिलित होकर शिविर के बारे में विस्तार से जान सकता है, और शिविर में सम्मिलित होकर अपने अंदर की ऊर्जा को न केवल पहचान सकता है बल्कि उसे जागृत कर मानव जीवन को खुशहाल भी बना सकता है।

श्री शून्य ने कहा कि मंदसौर में आयोजित शिविर को लेकर यहां के समाजसेवियों और गणमान्यजनों विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों में विशेष उत्साह का माहौल है यहीं कारण है कि शिविर की तैयारियों में प्रत्येक वर्ग बढ-चढ़कर अपनी सहभागिता कर रहा है जिसके कारण शिविर स्थल लाॅ काॅलेज में शिविर की लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चूकी है। मंदसौर के लाॅ कालेज मैदान में आयोजित 6 दिवसीय शिविर 3 मार्च 2023 से प्रारंभ होगा, 8 मार्च तक प्रतिदिन परम पूज्य आलय गुरूजी के सानिध्य में प्रात 6.30 से 8.30 बजे तक शरीर के अंदर छुपी आंतरिक शक्तियों को जागृत करने के तरीके सिखाऐ जाऐगें, शिविर में ं 3000 नागरिकों की सहभागिता का लक्ष्य रखा गया है। 2500 के लगभग पंजीयन हो चूके है। शिविर के पश्चात प्रतिदिन विशेष अल्कलाइन नाश्ते की भी व्यवस्था शिविरार्थियों के लिए निःशुल्क रूप से की गई है।
आपने कहा कि शिविर की सफलता के लिए जूटे हुए युवा भी असाधारण ऊर्जा से भरपूर है वे सुबह शहर के विभिन्न उघानों में जाते है, दोपहर में बैठके करते है और शाम को सामाजिक समारोंह में शहरवासियों को इस विराट नया दृष्टिकोण शिविर के लिए आमंत्रित कर रहे है। पूरे भारत के साथ ही विदेशों में अभी तक सन टू हूमन फाउण्डेशन द्वारा 200 से अधिक शिविर आयोजित किए जा चूके है। संस्था का प्रमुख उद्देश्य है मानव अपने शरीर के भीतर मौजूद आंतरिक शक्तियों को पहचाने ताकी वह स्वस्थ्य शरीर शांत मन के साथ आनंदमय जीवन व्यतित कर सकें। आपने कहा कि यह शिविर किसी विशेष धार्मिक संप्रदाय या किसी राजनीतिक दल से संबधित नहीं है और ना ही इसका कोई व्यवसायिक पहलू है एकमात्र मकसन मानव चेतना का उत्थान है ताकी प्रत्येक व्यक्ति समृद्ध जीवन जी सके । इस शिविर मंे सम्मिलित होने वाले हजारों लोगों ने इसके लाभ को महसून किया है, कई लोगों ने अपना 10 से लेकर 30 किलो और इससे अधिक अतिरिक्त वजन भी कम करके उच्च रक्तचाप, अस्थमा, माइग्रेन, मधुमेह, कब्ज जैसी बिमारियों से छुटकारा पाकर शारीरिक और मानसिक स्तर पर कई लाभ प्राप्त किए है। कई लोगों ने थायराइड, ह्दय और अवसाद की दवाओं को अलविदा कहा है। श्री शून्य ने कहा कि सही आहार, सही व्यायाम, सही ध्यान पर आधारित इस शिविर की केंद्रीय अवधारणा हमारे मस्तिष्क की ऊर्जा को जागृत करती है जो व्यक्ति को स्वयं का स्वामी बनने की ओर ले जाती है। इस शिविर की एक सुंदर टैगलाइन है – प्रवचन नहीं, प्रयोग, जिसमें यह वर्णन किया गया है कि केवल शब्द ही नहीं होंगे, बल्कि परिणाम देने वाली तकनीकें भी होंगी। सत्र के बाद, वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किया गया क्षारीय नाश्ता परोसा जाएगा जो हमारे मस्तिष्क की ऊर्जा को जगाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करेगा और इसके लिए आवश्यक सभी जरूरी पोषक तत्वों को पूरा करेगा। आपने आव्हान करते हुए कहा कि इस शिविर में भाग लेकर नगरवासी अपने जीवन को खुशहाल बनाऐ, शरीर की स्वस्थ्यता पाऐ और मन की शंाति के साथ ही आनंदमय जीवन यात्रा करें। शिविर में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है जिसके बाद प्रवेश पत्र के माध्यम से शिविर में सम्मिलित हुआ जा सकता है।
एक सवाल के जवाब में कहा कि संस्था द्वारा किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों का ही परिणाम है कि कई युवा इस अनूठे अभियान से जुड़ रहे हैं वह अपने व्यापार-व्यवसाय के साथ ही समय निकालकर संस्था की सेवा करते हैं और मानव जीवन को खुशहाल बनाने में अपना योगदान दे रहे है।