मोहम्मद सईद
शहडोल 2 मार्च ; अभी तक ; परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक संघ के संयुक्त मोर्चा ने अपनी विगत 30 वर्षों से वेतन विसंगति एवं अन्य मांगों को पूरा कराने की मांग को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती सतवंत कौर तथा पर्यवेक्षक संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती आभा श्रीवास्तव ने बताया कि शासन स्तर पर पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी की वेतन वेतन विसंगति की मांग विगत 30 वर्षों से लंबित है। 35 वर्ष की सेवा के उपरांत पर्यवेक्षक को तथा 25 वर्ष की सेवा के उपरांत परियोजना अधिकारी को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है। देश में सबसे न्यूनतम वेतन परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक का मध्यप्रदेश में है तथा 2018 से वेतनमान में बढ़ाने के लिए फाइल वित्त विभाग के पास में लंबित है जिस पर विगत 5 वर्षों से कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मिला समर्थन
परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक संघ संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि 3 मार्च को लिए गए सामूहिक अवकाश के समर्थन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन(सीटू) ने भी शुक्रवार को एक दिवस का सामूहिक अवकाश का ज्ञापन सौंपा है तथा 3 मार्च को आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर रखने का निर्णय लिया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन(सीटू) के अध्यक्ष ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की विभिन्न मांगे लंबे समय से लंबित हैं जिनके लिए लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ज्ञापन सौंपा गया किंतु अभी तक इस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भी पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी के साथ 3 मार्च को सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय लिया गया है जिसका ज्ञापन उन्होंने कलेक्टर को सौंपा है।