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स्पिक मैके द्वारा जीरो फूड वेस्टेज का अनूठा कीर्तिमान

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर २३ जून ;अभी तक;  जिस समय दुनिया पकाए हुए खाने की बर्बादी से त्रस्त है और करोड़ो टन तैयार खाना कचरे मे फेंकना पड़ता है वहीं स्पिक मैके ने वीनीट नागपुर की मेज़बानी मे आयोजित इन्टरनेशनल कन्वेंशन मे जीरो फूड वेस्टेज का अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया है ।
                                 इस आयोजन की फूड इंचार्ज और स्पिक मैके मंदसौर चैप्टर की कॉर्डिनेटर श्रीमती चन्दा डांगी ने इस विशेष उपलब्धि के बारे में विस्तार से बताया । करीब 1500 विद्यार्थियों ने 6 दिनों तक सुबह शाम सहजता से सात्विक भोजन ग्रहण किया । डाइनिंग हाल मे केटरर की जगह विद्यार्थियों ने ही भोजन परोसा ।भोजन समाप्ती के बाद झूठी थाली के काउंटर पर तैनात विद्यार्थियों की टीम थाली मे बचे भोजन को उपयोग में लेने का आग्रह करती । धीरे धीरे सभी विद्यार्थियो को यह अह्सास हो गया की भोजन का एक कण भी थाली मे छोड़ना अच्छी बात नही है । उल्लेखनीय बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या मे छात्र देश के विभिन्न प्रदेशों से आयोजन मे शामिल हुए थे एवं वे एक दूसरे से पूरी तरह अपरिचित थे, उनके खान-पान की आदते,भाषा, व्यवहार सबकुछ असमान था बस एक बात समान थी कि ये समस्त विद्यार्थी भारतीय सांस्कृतिक विरासत की मशाल को निर्विघ्न जलाये रखने के लिए कृत संकल्प थे ।
वीनीट के डायरेक्टर डॉ रमेश पडोले जीरो फूड वेस्टेज की इस अहम उपलब्धि का संज्ञान लेते हुए अपने संस्थान के होस्टल और मेस इंचार्ज को निर्देशित किया कि जब स्पिक मैके के 1500 अपरिचित बच्चे लगातार 6 दिनो तक जीरो फूड वेस्टेज की उपलब्धि हासिल कर सकते है तो हमारे नियमित कालेज स्टूडेंट्स जो कि उम्र मे उनसे बड़े भी है तथा विशेष परीक्षा पास कर इस कॉलेज मे स्थान पाये है वे ऐसा क्यों नही कर सकते । स्पिक मैके की फूड इंचार्ज को यह पूरा भरोसा है कि देश भर के स्कूलों कॉलेजों की भोजन शालाओं में उनके इस प्रयोग को बगैर किसी विशेष तामझाम के दोहराया जा सकता है इससे न सिर्फ पका हुआ खाना बर्बाद होने से बचेगा बल्कि प्रति थाली खाने पर होने वाले खर्च मे भी कमी हो सकेगी जिससे विद्यार्थियों का भोजन पर आने वाला खर्च कम हो सकेगा।

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