प्रदेश

विक्रमपुर के समूह को एमडीएम कार्य में लापरवाही पर किया पृथक

दीपक शर्मा

पन्ना २४ दिसंबर ;अभी तक; जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संघ प्रिय ने विक्रमपुर के किशोर जी स्वसहायता समूह को खण्डस्तरीय अनुश्रवण समिति के माध्यम से मध्यान्ह भोजन के क्रियान्वयन के दायित्व से पृथक करने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गुनौर को दिए हैं। साथ ही शिकायत में प्राप्त जांच प्रतिवेदन के अनुसार प्राथमिक/माध्यमिक शाला विक्रमपुर एवं प्राथमिक शाला ददोलपुरा में एमडीएम वितरण के लिए शाला प्रबंधन समिति अथवा किसी अन्य समूह को आदेशित करने के लिए निर्देशित किया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत अनियमितता एवं शिकायतों के लिए अनुभाग स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसके अलावा जिला पंचायत सीईओ को म.प्र. खाद्य सुरक्षा नियम 2017 के तहत प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर जांच प्रतिवेदन का अंतिम विनिश्चय करने के लिए अधिकृत किया गया है।

उल्लेखनीय है कि गत 4 दिसम्बर को माध्यमिक शाला विक्रमपुर में अध्ययनरत छात्रों की मध्यान्ह भोजन सेवन करने से बीमार होने की सूचना मिलने पर अधिकारियों के दल द्वारा विद्यालय के मध्यान्ह भोजन का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन अनुसार जांच में मध्यान्ह भोजन का संचालन किशोर जी स्वसहायता समूह द्वारा करना पाया गया। ग्रामीणों ने विक्रमपुर विद्यालय में दर्ज 72 में से 45 बच्चों द्वारा भोजन करने और 22 बच्चों के बीमार होने की बात कही गई। इसके उपरांत पंचनामा तैयार किया गया।

जांच दल ने समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अमानगंज जाकर चिकित्सक से बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। चिकित्सक द्वारा अवगत कराया गया कि सभी 22 भर्ती बच्चों का स्वास्थ्य ठीक है। समूह की रसोईया सोहद्रा बाई कुशवाहा ने अवगत कराया कि समूह द्वारा हमेशा आलू, टमाटर की सब्जी और कभी-कभी दाल बनवाई जाती है। समूह की अध्यक्ष द्वारा कभी भी समय पर आटा, सब्जी एवं चावल प्रदान नहीं किया जाता। समूह की अन्य रसोईया चंदा नामदेव और तुलसा कुशवाहा ने भी अपने कथन में यह बात स्वीकार की कि समूह अध्यक्ष द्वारा कभी खाद्य सामग्री समय पर प्रदान नहीं की जाती है।

समूह की सचिव ने बताया कि हमारे अंगूठे के निशान से गल्ला निकलता है, लेकिन खाद्यान्न शाला परिसर में नहीं रखा  जाता। इसके अतिरिक्त विद्यालय के प्राधानाध्यापक ने भी समूह द्वारा कभी भी मध्यान्ह भोजन निर्धारित मीनू अनुसार प्रदान नहीं करने के संबंध में पंचनामा में लेख किया है।

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