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बाघ पर्यटन तथा बाघों की बढ़ती संख्या का दवाब घटाने नए अभ्यारण क्षेत्र घोषित करे अन्यथा बाघ मानव संघर्ष बडेगा 

आनंद ताम्रकार
बालाघाट २९ जुलाई ;अभी तक; मध्यप्रदेश नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच के अध्यक्ष डा पीजी नाजपांडे तथा रजत भार्गव ने सचिव वन मंत्रालय मध्यप्रदेश को नोटिस प्रेषित करते हुए तीन माह के भीतर कार्यवाही करने को कहा है वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत बाघ संरक्षण ऑथोरिटी के अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार टाइगर रिजर्व घोषित कर सकती है इसके तहत नए क्षेत्र जैसे की बालाघाट के सोनेवानी ,कटनी के बरही वन क्षेत्रों के आधार पर बांधवगढ़ पेंच कान्हा आदि राष्ट्रीय उद्यानों पर दिनों दिन बड़ रहा दवाब कम किया जा सकता है अतः इस संबध में प्रस्ताव भेजे जाय।
                          श्री नाजपांडे ने नोटिस में यह भी उल्लेख किया है की बाघ पर्यटन की बढ़ती प्रवृत्ति से वर्तमान अभ्यारणो में पनप रहा वन्य जीवन प्रभावित हो रहा है बाघों की संख्या भी बढ़ रही है।  इस दवाब को घटाने के लिए मध्यप्रदेश के अन्तर्गत आरक्षित वनों को नए अभ्यारण के रूप में घोषित किया जावे अन्यथा बाघ मानव संघर्ष बड़ेगा जो खतरनाक साबित होगा।
                             डा नाजपांडे ने अवगत कराया की महाभारत के उद्योगपर्व 5.29.57 में बाघ रहेंगे तो वन रहेंगे इस पर जोर दिया गया है महाभारत के इसी श्लोक का उल्लेख करते हुए हाल ही में 24.7.23 को मुंबई हाइकोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं की गोवा के वन्य प्राणी अभ्यारण को टाईगर रिजर्व के रूप में तीन माह के भीतर घोषित किया जावे

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