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भगवान की भक्ति से भवसागर होते हैं पार : पंडित श्री विजय कृष्ण व्यास जी

दीपक शर्मा

पन्ना २४ अप्रैल ;अभी तक; पन्ना शहर के डायमंड चौराहा कृष्ण कुंज कॉलोनी में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान किया गया। इसमें कथा व्यास पंडित श्री विजय कृष्ण व्यास जी महाराज ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया। इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया।

                           उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था।कथा व्यास श्री विजय कृष्ण व्यास जी द्वारा भक्ति आराधना करने के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाले तरीके समझाए।उन्होंने भक्तों की ऐसी कई मिसालें बताई हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर संकीर्तन मंडली की सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कथा आयोजक वन कर्मचारी संघ अध्यक्ष महीप रावत ने समस्त भागवत कथा प्रेमी बंधुओं से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर धर्म लाभ उठाने का आग्रह किया है।

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