सीहोर २७ अगस्त ;अभी तक; विशेष न्यायधीश श्री विजय चंद्रा, जिला सीहोर के न्यायालय ने एससी/एसटी एक्ट में दुष्कर्म के आरोपी की जमानत निरस्त कर दी .
मीडिया सेल प्रभारी श्री केदार सिंह कौरव द्वारा बताया गया कि प्रकरण अनुसार दिनांक 16/08/2020 को सूचनाकर्ता/पीडि़ता के पिता ने थाना मंडी पर गुमइंसान रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 15/08/2020 की रात 11 बजे वह एवं उसके परिवार के लोग खाना खाकर सो गए थे। सुवह 05 बजे उठकर देखा तो पीडि़ता घर पर नहीं थी। उसने गांव में व रिश्तेदारी में तलाश किया तो पीडि़ता नहीं मिली। पुलिस द्वारा मामला पंजीबद्ध कर विवेचना की गई । विवेचना के दौरान आरोपी लियाकत के कब्जे से पीडि़ता को दस्तयाब कर कथन लेख किये गये। गत कथनों के आधार पर पीडि़ता द्वारा बताया गया कि आरोपी उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ मोटरसाईकिल पर बैठाकर भोपाल के अगरिया गांव ले गया। जहां पर एक टप्पर में जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया।
पुलिस द्वारा मामला धारा 366ए,376, भादवि तथा धारा 3(1)(डब्ल्यू)(2), 3(2)(वी) एससी/एसटी एक्ट अधिनियम 1989 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
विशेष न्यायधीश श्री विजय चंद्रा, जिला सीहोर के न्यायालय में श्री नारायणसिंह मेवाड़ा, विशेष लोक अभियोजक, द्वारा जमानत आवेदन पर विरोध करते हुए कहा गया कि पीडि़ता को विवाह के नाम पर उसके घर से ले जाकर आरोपी द्वारा उसका शारीरिक शोषण किया गया है। जो कि गंभीर प्रकृति का अपराध है। इसलिये आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं होगा। प्रार्थना की गई। जिसपर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी लियाकत की जमानत निरस्त कर दी गई।
शासन की ओर से पैरवी श्री नारायणसिंह मेवाड़ा, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।
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