सीहोर १६ अक्टूबर ;अभी तक; न्यायालय – सुश्री के.सिवानी जे.एम.एफ.सी. जिला सीहोर के द्वारा आबकारी एक्ट में न्यायालय उठने तक व 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया
न्यायालय – सुश्री के.सिवानी जे.एम.एफ.सी. जिला सीहोर के द्वारा अभियुक्त महेन्द्र सिंह पिता भागीरथ मेवाडा ग्राम छतरी जिला सीहोर, थाना अहमदपुर जिला सीहोर को धारा 34 आबकारी एक्ट अधिनियम के अंतर्गत न्यायालय उठने तक की सजा एवं 1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी श्री केदार सिंह कौरव द्वारा बताया गया कि अभियोजन की घटना इस प्रकार है कि इलाका भ्रमण से लौटते समय मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि महेन्द्र सिंह पिता भगरीथ मेवाडा निवासी छतरी अपने घर के पीछे कच्ची शराब बेच रहा है सूचना की तस्दीक हेतु मय स्टाफ एवं पंचान देवन्द्र को सूचना से अवगत कराकर मुखबिर के बताये स्थान पर पहँचा तो पुलिस को देखकर भागने का प्रयास किया हम सब ने घेराबंदी कर पकडा तब नाम पता पूछा तो उसने नाम महेन््द सिंह पिता भगीरथ मेवाडा ग्राम छतरी का होना बताया पुलिस ने महेन्द्र से साक्षीगण के समक्ष देशी शराब एक सफेद केन में 5 लीटर जप्त की इसके संबध में लायसेस पूछा तो न होना बताया। पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध धारा 34 आबकारी एक्ट अधिनियम के तहत मामला पंजीबद् कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
इसी प्रकार अन्य दूसरे मामलों में :-
- अभियुक्त ज्ञानसिंह आत्मज घनश्याम उम्र 30 साल निवासी गोपालपुर, थाना अहमदपुर जिला सीहोर के मामले में अभियुक्त के विरूद्ध धारा 34 आबकारी एक्ट अधिनियम के तहम मामला पंजीबद्ध कर माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्य से सहमत होकर 1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
- अभियुक्त भागवान सिंह पिता मूलचंद निवासी बनखेडा जिला सीहोर द्वारा कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने एवं दुकान में आने से संकटापूर्ण महामारी कोरोन रोग संक्रमण फैलाने का कार्य किया गया जिससे माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्ष्य से सहमत होकर धारा 188 भादवि में जुर्माना 1000/- रूपये के अथर्दण्ड से दण्डित किया।
- अभियुक्त दीपक परमार आत्मज बलवंत उम्र 20 साल एवं संतोष परमार पिता बलवंत सिंह परमार उम्र 40 साल निवासी बनखेडा जिला सीहोर लॉकडाउन अवधि में बिना कारण के घूम रहे थे, पूछताछ मे कोई संतोषजनक जवाब नही दिया गया। लॉकडाउन का उल्लंघन किया गया जिससे माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्ष्य से सहमत होकर धारा 188 भादवि मे जुर्माना 1000-1000 रूपये अथर्दण्ड से दण्डित किया गया।
शासन की ओर से पैरवी श्री रामबीर सिंह, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला सीहोर द्वारा की गई।
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