3 माह की नवजात बालिका की हत्या करने वाले माता-पिता को हुआ आजीवन कारावास

7:37 pm or February 27, 2023
विधिक संवाददाता
    इंदौर २७ फरवरी ;अभी तक;  जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि आज न्यायालय विशेष न्यायालय (विद्युत अधिनियम), इंदौर ने निर्णय पारित करते हुए थाना खजराना के अपराध क्रमांक 195/2015 एवं विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 458/2016 में  आरोपीगण पप्पू  पिता सोमवार रावल एवं संगीता बाई पति पप्पू‍ रावल को  धारा 302 भा.दं.वि. में दोनों को आजीवन कारावास एवं धारा 201 भा.दं.वि. में दोनों को  3-3 वर्ष  का सश्रम कारावास एवं कुल 1500-1500 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अविसारिका जैन द्वारा की गई।
                        नोट :- अभियोजन द्वारा सभी स्वतंत्र साक्षियों के कथन करवाये गये एवं सभी साक्षीगण पक्षद्रोही हुये उसके बावजूद भी परिस्थि‍तिजन्य साक्ष्य एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन द्वारा अपने मामले को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया गया एवं अभियुक्तगणों को कठोर से कठोर दण्ड की मांग की गई थी जिस पर न्यायालय द्वारा मामले में निर्णय करते हुये आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
                                  घटना संक्षिप्त  में इस प्रकार है कि दिनांक 16.03.2016 को प्रमीला ने थाने पर सूचना दी कि नोबल पब्लिक स्कूल के पास कचरे के ढेर में एक नवजात शिशु बालिका गोदड़ी में लिपटी पड़ी है। सूचना पर से मर्ग क्रमांक 14/15 पंजीबद्ध कर जांच के दौरान नवजात शिशु को छुपाने की गरज से फेंका जाना पाए जाने पर अपराध क्रमांक 195/15 अंतर्गत धारा 318 भा.दं.वि का पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। मृतिका का पी.एम. करवाए जाने पर रिपोर्ट में नवजात शिशु की मृत्यु का कारण सिर में चोट आना बताया। अतः प्रकरण में भा.दं.वि. की धारा 302 एवं 201 की वृद्धि की गई है। साक्षीगण के कथनों से यह पाया गया कि पप्पु व संगीता ने उनकी तीन माह की पुत्री, जिसका एक कान नहीं होने से पप्पु ने उसके सिर पर लोहे की संडासी से मारा, जिससे उसकी मौत हो गई, संगीता ने उसके मरने पर उसे कचरे के ढेर में फेंक दिया। पकड़े जाने पर आरोपी पप्पु ने मृतिका की पहचान उसकी पुत्री के रूप में की। विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया, मृतिका की फीमर बोन एवं आरोपीगण के ब्लड सेंपल डी.एन.ए. परीक्षण हेतु भेजे गए एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत चालान न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जिस पर से आरोपीगण को उक्त सजा सुनाई गई।