रवीन्द्र व्यास
बात 2018 की है जब मेघालय हाईकोर्ट के जज एसआर सेन ने अपने फैसले में लिखा, ‘पाकिस्तान ने खुद को इस्लामिक देश घोषित किया था. चूंकि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था लेकिन इसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाए रखा गया | दरअसल १९४७ में भारत विभाजन के साथ ही भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठती रही है | देश के साधू संतों ने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया भी | हाल ही में देश दुनिया में मशहूर हो चुके बुंदेलखंड के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिन्दू राष्ट्र की सुलगती चिंगारी को ज्वाला बनाने की जो आहुतियां दी है उससे देश भर में फिर से एक बहस शुरू हो गई है | वह भी ऐसे समय जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है |
१३ से १८ फरवरी तक छतरपुर जिले के गढ़ा गाँव में स्थित बागेश्वर धाम में ९ कुंडीय यज्ञ और १२५ कन्याओं के सामूहिक विवाह के आयोजन हुए | धाम में हुए यज्ञ में विश्व कल्याण और भारत हिन्दू राष्ट्र बने इसके लिए भी आहुतियां अर्पित की गई | बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने साफ़ शब्दों में कहा, “भारत ‘हिंदू राष्ट्र‘ बन जाएगा। विदेशी भी ऐसा देश चाहते हैं जहां हम जात-पांत को परे रखते हुए गर्व से कह सकें कि हम हिंदुस्तानी हैं. हम सरकार से कोई मांग नहीं करते हैं, अगर कोई इसका समर्थन करता है तो हम उसका स्वागत करते हैं। ऐसा भी नहीं है कि वे इस मुद्दे पर कोई दबी छुपी बात करते हों , वे खुले तौर पर मंच और मीडिया के सामने हिन्दू राष्ट्र की ,और हिन्दू राष्ट्र के बाद अखंड भारत की बात कहने में कोई संकोच नहीं करते हैं | उनका ‘ हिन्दू राष्ट्र ” की मांग करना और सनातन के प्रति समर्पित होना कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा है | यही कारण है कि देश में कुछ राज पुरुष इस मुद्दे पर असहमति जता रहे हैं | इन लोगों को भय है कि अगर वे इसका समर्थन करेंगे तो उनकी कुर्सी खिसक जायेगी |
13 फरवरी 23, को बागेश्वर धाम पहुँचे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ। मीडिया से चर्चा मे उन्होंने कहा कि में तो हनुमान जी के दर्शन करने प्रार्थना करने आया था कि मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे।आज मध्यप्रदेश में जो चुनौतियां हैं उसका सामना सब मिलकर करें। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा हिन्दू राष्ट्र की मांग की जा रही है । इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत अपने संविधान के अनुसार चलता है बाबा साहेब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया था वह संविधान भारत का है। कोई उनसे सवाल पूछ पाता कि मध्य प्रदेश का भविष्य आपको असुरक्षित क्यों लग रहा है ? सीधे सवाल हिन्दू राष्ट्र पर गोल मोल जवाब ? इसके पहले ही वे चलते बने | हिन्दू राष्ट्र का सवाल ही ऐसा है कि अधिकांश नेता इस सवाल से बचना चाहते हैं | बीजेपी के मध्य प्रदेश के भूपेंद्र सिंह को ही ले लें वे भी इस सवाल पर गोलमोल जवाब दे कर चलते बने थे | बागेश्वर धाम जाने से पहले खजुराहो पहुंचे योगी बालकृष्ण ने भी हिंदू राष्ट्र के सवाल पर कहा कि वह आज गढ़ा बागेश्वर धाम जा रहे हैं अतः अभी कुछ नहीं कहेंगे, हालांकि संत समाज ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हिन्दू राष्ट्र की मांग का समर्थन किया है | सनातन धर्म और हिन्दू राष्ट्र ऐसे मुद्दे हैं जिसके कारण धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को ना सिर्फ सनातन प्रेमियों का बल्कि संत समाज का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है | अब वे “हिन्दू राष्ट्र” के मुद्दे पर इस जन समर्थन को कैसे उपयोग करते हैं यह आने वाला वक्त ही बताएगा |
हिन्दू राष्ट्र , “तुम मेरा साथ दो, मैं हिंदू राष्ट्र दूंगा” ये नारा छत्तीसगढ़ के रायपुर में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंच से दिया था . उन्होंने कहा तुम मेरा साथ दो मैं हिंदू राष्ट्र बना कर दम लूंगा देश में हिन्दू राष्ट्र का यह मुद्दा कोई पहली बार देश में नहीं उठाया जा रहा है | इसके पहले भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है | संतों और विद्वानों का एक वर्ग ‘हिंदू राष्ट्र के रूप में भारत का संविधान‘ भी बना रहा है | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर एक ट्वीट में लिखा, “भारत हिन्दू राष्ट्र था, हिन्दू राष्ट्र है और आगे भी वही रहेगा | भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी हिंदू राष्ट्र को लेकर काफी मुखर हैं. उन्होंने कहा, “सनातन धर्म देश का धर्म है. राम देश हैं और देश राम हैं. इसलिए सनातन धर्म ही सब कुछ है. हमारा ये देश हिन्दू राष्ट्र बनकर रहेगा | 2022 में गोवा में हुए अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन ने ‘हिंदू जनजागृति समिति‘ ने कहा कि साल 2025 तक हिंदू राष्ट्र की स्थापना हो जाएगी.| हिन्दू राष्ट्र की मांग पर समाज को जाग्रत करने में हिन्दू संगठनों और उनके नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है|
हिन्दू हित का एजेंडा :
बीते तीन दशकों में भारत में सनातन और हिंदुत्व की राजनीति देश में मजबूत हुई है | इसे मजबूती भी ऐसे ही नहीं मिली है इसके पीछे बाकायदा एक वैचारिक संघर्ष और संगठन है | इस विचार को हवा देने वाले संगठनों को जनता ने खुले तौर पर स्वीकारा भी है | समाज में हिंदुत्व के प्रति बढ़ती स्वीकारता को वोट बैंक की राजनीति में बदलने का कार्य बीजेपी ने किया | यही कारण है कि एक दशक पहले तक जो राजनैतिक दल सिर्फ मजारों पर चादर चढ़ाने जाते थे वह भी अब मंदिरों में माथा टेकने को मजबूर हो गए | इसके बाद भी जब उनका राजनैतिक उदेश्य पूर्ण नहीं हुआ तो अब एक नया खेल देश प्रदेश में शुरू किया गया है | सनातनियों को जाति और वर्ग में बाटने का | आये दिन कोई ना कोई नेता हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने का दुःसाहस करता है |
दरअसल भारत के संविधान में 1976 में 42वां संशोधन किया गया। इसकी प्रस्तावना में ‘ धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया | जबकि संविधान की प्रस्तावना के साथ छेड़ छाड़ का अधिकार किसी को नहीं था | जाहिर तौर पर यह सारे कृत्य इस देश में सिर्फ इस लिए हुए ताकि एक पंथ विशेष के लोगों को प्रसन्न किया जा सके और उन के वोट के सहारे अपनी कुर्सी यथावत कायम रखी जा सके | इतना ही नहीं बाद में कोंग्रेसी सरकारों ने ऐसे ऐसे कानून बनाये कि सनातन धर्म के मानने वालों को लगने लगा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमें या तो धर्म बदलना पडेगा अथवा देश छोड़ने को मजबूर होना पडेगा | यही कारण है कि बुंदेलखंड के बागेश्वर धाम के संत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जब कहते हैं भारत हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा। हमारी हर पंथ , संप्रदाय के प्रति सद्भावना है | धर्म तो सिर्फ सनातन है और इसके लिए अगर मेरी जान भी जाती है तो चली जाये ,पर हिन्दू राष्ट्र तो बनवाकर रहूंगा |