मुस्लिम समाज की जनसभा में पहुंचे सज्जाद नोमानी बोले- मिल-बैठकर ज्ञानवापी का हल निकाला जाए
मयंक शर्मा
खंडवा १७ फरवरी ;अभी तक; हमारी सांस्कृतिक विरासत ऐसी नहीं रही है कि मंदिर वाले मस्जिद वालों से बात न करें, या मस्जिद वाले मंदिर वालों से बात ना करें। उन्होंने कहा कि देश में इस समय नफरत का प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है, जिसमें दोनों ही तरफ के लोग फंस रहे हैं।
यह बात इस्लामिक स्कॉलर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना सज्जाद नोमानी ने शुक्रवार देर यहां ं आयोजित एक विशाल जनसभा में कही। मौलाना को सुनने भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग ईदगाह मैदान पहुंचे। अपने भाषण के दौरान मौलाना नोमानी ने देश की तरक्की और मौजूदा हालात में आम नागरिक की जिम्मेदारियों के बारे में चर्चा की।
जनसभा के बाद उन्होंने देश में चल रही विभिन्न गतिविधियों को लेकर मीडिया से खुलकर रूबरू हुये।
राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। गोदी मीडिया सिर्फ प्रोपेगंडा फैला रहा है। ज्ञानवापी मस्जिद पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हर मसले पर बातचीत की जा सकती है। उन्होंने पिछले दिनों दिए अपने बयान पर बात करते हुए कहा कि साल 2024 में संविधान बदलने की बात वे अकेले ही नहीं कह रहे, बल्कि यदि भाजपा सरकार फिर से सत्ता में आती है तो संविधान बदल दिया जाएगा यह बात तो देश के हजारों पढ़े-लिखे विद्वान कह रहे हैं।मौलाना नोमानी ने कहा कि मदरसों में संस्कृत के साथ ही इंग्लिश, इतिहास, समाज शास्त्र, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयालोजी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र और जियोग्राफी जैसे विषय भी पढ़ाए जाना चाहिए।