यूनेस्को ने भारत में 38 हेरिटेज साईट घोषित किये है जो दुनियां में सबसे अधिक है
महावीर अग्रवाल
मंदसौर ६ मार्च ;अभी तक; पीजी कॉलेज मंदसौर में आयोजित हो रहे ‘सांस्कृतिक विरासत प्रबंधन’ विषय पर 10 दिवसीय ऐड ऑन कोर्स के 9वें दिवस डॉ. शुभा बनर्जी एवं अंतिम दिवस प्रो. मोहित दहिया द्वारा अपने विचार रखे गए एवं साथ ही कार्यक्रम का समापन भी किया गया lकार्यक्रम की शुरूआत में प्राचार्य डॉ. एल.एन. शर्मा ने अतिथियों का स्वागत कियाlसाथ ही कोर्स निर्देशक डॉ. उषा अग्रवाल ने कहा किविरासत के संरक्षण में संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है lसंग्रहालय हमारी राष्ट्र विरासत कोसहेजे हुए है l
समापन के अवसर पर प्रो. मोहित दहिया (सहा. प्राध्यापक, अतिरिक्त प्रभार शिक्षा अधिकारी, बकिंघम विश्वविद्यालय लन्दन) ने बताया किभारत में 5 लाख से ज्यादा हेरिटेज साइट हैं, जिसमें 4 लाख से ज्यादा धार्मिक साइट हैं lहेरिटेज साइट को हमको जीवंत बनाए रखने के लिए वहां परजाना होगा lजब तक हम जनचेतना नहीं जगाएंगे, अपनी विरासत को संरक्षित नहीं कर सकते है l
हम सभी का यह दायित्व है कि सरकार की पॉलिसी से आमजन जीवन को अवगत कराये lआपने यह भी बताया कि हम सभी को अपनी आसपास की विरासत की छोटी-छोटी वीडियो बनाकर सोशल मीडियापर अपलोड करना चाहिएlजिससे हमारी विरासत की महत्वता को अधिक से अधिक लोग जान सकेl
कार्यक्रम के 9वें दिन डॉ. शुभा बनर्जी (शिक्षा अधिकारी, राष्ट्रपति भवन संग्रहालय नई दिल्ली) ने बताया कि विश्व का पहला संग्रहालय (म्यूजियम) की शुरुआत यूनान में हुई l यूरोप से ही म्यूजियम बनने का प्रचलन शुरू हुआ l विश्व का पहला संग्रहालय ब्रिटिश म्यूजियम लन्दन था जो जन सामान्य के लिए खोला गया था l भारत में इसका प्रचलन 1784 ई. मेंशुरू हुआ lएशियाईटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल की स्थापना कलकत्ता में विलियम जोन्स ने की l भारत का पहला संग्रहालय इंडियन म्यूजियम कोलकाता बना lआपने कहा कि संग्रहालय कभी अपने लाभ के लिए काम नहीं करता है l यह अपने संग्रह के माध्यम से जन समुदाय को उनकी विरासत से परिचित करवाता है l संग्रहालय के लिए पब्लिकेशन, रिसर्च, एक्जिवेशन बहुत ही जरुरी है l
कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिव कुमार पांडे तथा आभार डॉ. श्वेता चौहान ने व्यक्त कियाl