मंदिरों के बाहर श्रीराम व अन्य देवी-देवताओं के दीवार लेखन हटाने से धार्मिक भावनाएं होंगी आहत – यशपाल सिंह सिसौदिया
महावीर अग्रवाल
मंदसौर २३ मार्च ;अभी तक; लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता का हवाला देकर मंदसौर के शासकीय अधिकारियों द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के निजी मकानों और मंदिरों की दीवारों पर प्रभु श्री रामलला के लगाए गए स्टीकर, स्लोगन और दीवार लेखन को मिटाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने मंदसौर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी दिलीप कुमार यादव से चर्चा की।
श्री सिसोदिया ने कलेक्टर को अवगत कराया कि जिले के अधिकारी आदर्श आचार संहिता का हवाला देकर लोगों के घरों की दीवारों व मंदिरों में प्रभु श्रीराम के लगाए गए स्टीकर व लिखे गए नारे व स्लोगन को हटा रहे हैं। प्रभु श्रीराम करोड़ों-करोड़ भारतीयों के आराध्य हैं, प्रभु श्रीराम के स्टीकर, स्लोगन व दीवार लेखन को मिटाने या हटाने से हम सनातनियों की भावनाएं आहत हो रही हैं। उन्होंने कलेक्टर से चर्चा कर दीवारों व मंदिरों के बाहर भगवान श्रीराम के लगे स्टीकर, स्लोगन व दीवार लेखन और शासकीय कार्यालयों से जनप्रतिनिधियों की नाम पट्टिकाओं को न हटाने के लिए आग्रह किया है।
श्री सिसौदिया ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा आदर्श आचार संहिता की कंडिका क्रमांक-9.6.1 में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे लाभार्थी कार्ड, निर्माण स्थल पट्टिका आदि पर राजनैतिक पदाधिकारियों के फोटो पर कोई आपत्ति नहीं है, जो निर्वाचन की घोषणा के पहले निर्मित किए गए हों। वहीं विशेष संदर्भ में उल्लेखित है कि किसी भी प्रकार से प्राइवेट दीवारों पर की गई पुताई या चिन्हों को नहीं हटाना है, जो भवन स्वामी की सहमति से पोता या लिखा गया हो। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी से कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की जनता शासकीय कार्यालयों में अपने महत्वपूर्ण कार्यों को लेकर पहुंचती है, अगर जनप्रतिनिधियों की नामपट्टिकाओं को हटा दिया गया तो, जनता को अपने कार्यों के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा।
श्री सिसौदिया ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने आश्वस्त किया कि आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत जो मापदंड है उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।