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बालाघाट निर्वाचन कार्यालय ने बनाया आपदा में संचार और उपचार का फूल प्रूफ प्लान

आनंद ताम्रकार
बालाघाट 14 अप्रैल ;अभी तक; बालाघाट जिला देश के उन 12 जिलों में तथा प्रदेश के एकमात्र जिलों में शामिल है जहां नक्सल गतिविधियां प्रभावी है। ऐसी स्थिति में यहां की 8 में से 3 विधानसभा बैहर, लांजी और परसवाड़ा में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक तथा अन्य विधानसभाओं में सुबह 7 से शाम 6 बजे तक 19 अप्रैल को मतदान होना है। नक्सल गतिविधियों की हरकतों पर पुलिस विभाग नजर रख रहा है। लेकिन किसी अप्रिय घटना में किसी भी मतदान दल या निर्वाचन कार्य में कोई बाधा न पहुँचे और ऐसा कुछ हो तो सम्भवतः तत्काल प्राथमिक उपचार मिले। इसके लिए जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए संचार और उपचार के सारे बंदोबस्त कर रहा है।
                                इसी सिलसिले में रविवार को जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग, जिला पंचायत और राजस्व विभाग/एआरओ विभागों के साथ एक बैठक आयोजित की जिसमें ऐसी ही किसी अप्रिय घटना के बाद किसकी क्या जिम्मेदारी होगी? संचार कैसे होगा? उपचार कैसे और कौन करेगा ? इस सभी बिंदुओं पर विस्तार से जानकारियां साझा की गई।
                                वही कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. मिश्रा ने ऐसे शासकीय कर्मी जो मतदान दिवस के दिन केंद्र पर रहेंगे, उन्हें भी विशेष रूप से निर्देशित किया गया है। जिले में ऐसे 58 मतदान केंद्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी ऐतिहात बरती जाएगी। मतदान केंद्रों पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार किया जा सके। इसके लिए केंद्रों पर विशेष मेडिकल किट उपलब्ध रहेगा।
                             साथ ही कलेक्टर व डीईओ डॉ. मिश्रा ने मतदान केंद्रों के आस पास के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर तथा पीएचसी व एसएचसी पर सूचीबद्ध की गई दवाइयों को जांचने क्व निर्देश दिए है। अगर केंद्रों पर उपलब्ध नही है तो डिमांड कर ले। बैठक में जिपं सीईओ श्री डीएस रणदा, एडीएम श्री जीएस धुर्वे, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केसी ठाकुर, सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे, सिविल सर्जन डॉ. दबड़गांव, समस्त बीएमओ, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के सचिव व जीआरएस उपस्थित रहे।

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